कैंसर की नकली दवाई बनाने वाली गैंग का पर्दाफाश, दिल्ली पुलिस ने पकड़ी 8 करोड़ रूपए की नकली दवाइयां 

भगवान के बाद अगर धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है तो वह डॉक्टर है। कुछ लोग डॉक्टर का नाम बदनाम करते है तो कुछ लोग अपना सारा त्याग लोगों की भलाई के लिए कर देते है। अगर कोई डॉक्टर आपसे महंगी फीस ले और बदले मे नकली दवाई दे, तो क्या आप उसको भगवान का दर्जा देंगे, भगवान छोड़ो लोग तो उसे डॉक्टर का दर्जा भी नहीं देंगे। राजधानी दिल्ली की दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने ऐसे ही मौत के सौदागरों गिरोह का भांडाफोड किया है, जो आपके विश्वाश के साथ खेल रहे थे ये लोग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के लिए नकली दवा बनाकर आपको सस्ते दामों में बेच रहे थे।

 

कैंसर की दवाई के नाम पर आपके विश्वास से खिलवाड़

यह गैंग स्टार्च (Starch) से टेबलेट और कैप्सूल बनाते थे और फिर ऐसे कैंसर से पीड़ित और जरूरतमंद लोगों को सस्ते दामों पर बेच रहे थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस कुख्यात गैंग में शामिल एक डॉक्टर समेत अन्य 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 8 करोड़ की 20 अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड की कैंसर की दवाइयां बरामद की है। पुलिस के मुताबिक आरोपियों की पहचान डॉ. पवित्र नारायण प्रधान, शुभम मन्ना, पंकज सिंह बोहरा, अंकित शर्मा उर्फ़ अंकु उर्फ़ भज्जी, राम कुमार उर्फ़ हरबीर, आकांक्षा वर्मा और प्रभात कुमार रस्तोगी के रूप में हुई है।

 

यह लोग डिलीवरी के लिए ‘वी फास्ट’ कुरियर बुक करते थे

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली पुलिस को यह भी पता चला कि डॉ. पवित्र नारायण प्रधान और शुभम मन्ना यूपी के नोएडा सेक्टर-43 स्थित एक फ्लैट में रह रहे हैं। डॉ. पवित्र प्रधान के निर्देश पर पंकज सिंह बोहरा और अंकित शर्मा दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर नकली दवाइयां पहुंचाते थे और देश भर में दवाओं की डिलीवरी के लिए ‘वी फास्ट’ कुरियर बुक करते थे।

 

नकली दवाइयों का गोदाम ट्रोनिका सिटी गाजियाबाद में स्थित

पोलिस के द्वारा अलग-अलग टीमों का गठन किया गया था जिससे गैंग के सारे लोगों की गिरफ़्तारी की जा सके। पुलिस द्वारा इस ऑपरेशन के दौरान, पुलिस की एक टीम ने प्रगति मैदान के पास भैरों मंदिर रोड पर बैग ले जा रही एक स्कूटी पर जा रहे पंकज सिंह बोहरा को रोका। पुलिस ने बैग की तलाशी की तो उन्हे दवाइयां बरामद हुई। बाद में पूछताछ के बाद पंकज सिंह बोहरा ने माना यह सारी दवाइयां नकली हैं और भारत में उन्हें बेचने के लिए केवल एस्ट्राजेनेका कंपनी अधिकृत है। पंकज सिंह बोहरा ने यह भी बताया कि उनका गोदाम ट्रोनिका सिटी गाजियाबाद में है।