किस्सा जब एक गुजराती व्यक्ति बना था दिल्ली का मेयर, नाम था शांति देसाई 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को हम छोटा भारत भी कह सकते है क्योंकि भारत के सारे राज्यों से लोग आकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में निवास करते हैं। यहां कई लोग आकर बसे हैं, परंतु कोई भी दिल्ली की राजनीति में गैर उत्तर भारत के लोग यहां कामयाब नहीं हो पाए हैं और यह कथन बिल्कुल सत्य है, लेकिन इस कथन को गलत साबित करने वाले शख्स थे शांति देसाई।

शांति देसाई मूल रूप से गुजरात राज्य के थे और यह दिल्ली की राजनीति में अपनी जगह बनाने में सफल रहे थे। शांति देसाई सन् 2000 में दिल्ली के मेयर भी रह चुके है। वे इससे पहले दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमिटी के चेय़रमेन भी थे और शांति देसाई नगर निगम निगम चुनाव के लिए चांदनी चौक से खड़े हुआ करते थे। अगले महीने दिसंबर में दिल्ली में नगर निगम चुनाव है और ऐसे समय में इनको याद करना लाज़मी है।

चांदनी चौक में रहते थे

शांति देसाई और उनका परिवार चांदनी चौक में करीब एक सदी पहले आकर बस गया था। जानकारी के लिए बता दे कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक और राज निवास मार्ग के आसपास सन् 1897 से ही गुजराती लोग आके रहने लगे थे। राज निवास मार्ग में दिल्ली गुजराती समाज की स्थापना को भी अब 125 साल हो रहे हैं। गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो बार गुजराती समाज में आए थे।

वर्ष 2002 में हुआ था निधन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शांति देसाई जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के जमीनी नेताओं में से थे। इन्होंने कभी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव लडने के बारे में विचार नहीं किया था कभी। वह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की राजनीति में ही रहना चाहते थे। शांति देसाई रोजाना टाउन हॉल से चांदनी चौक तक पैदल ही अपने घर आते-जाते थे।

भ्रष्टाचार में सर तक डूबी हुई दिल्ली नगर निगम (MCD) में कभी भी किसी भी व्यक्ति ने शांति देसाई पर भ्रष्ट होने के आरोप नहीं लगाए थे। शांति देसाई वर्ष 2002 में अपनी एक निजी यात्रा पर अहमदाबाद गए हुए थे और वहां पर ही उनका अचानक से देहांत हो गया था।