राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गाड़ी या अन्य कोई वाहन चोरी होना बहुत सामान्य घटना हैं। रोजाना न जाने कितनी गाड़ियां चोरी हो जाती है अनेकों रोकथाम के बावजूद भी चोर अपने मनसूबों में कामयाब हो जाते है। राजधानी दिल्ली में गत वर्ष 2021 में एक करोड़ 22 लाख 53 हजार गाड़ियां रजिस्टर्ड थीं। अब यह तादाद 2022 में बढ़कर और ज्यादा हो गई है। गाड़ियां चोरी होने का ग्राफ घटा नहीं अपितु बढ़ा ही हैं। वर्ष 2020 में रोजाना औसतन 86 गाड़ियां चोरी होती थीं, जो गत वर्ष 2021 में बढ़कर 96 पहुंच गई हैं। पुलिस द्वारा चोरी हुई गाड़ियों की बरामदगी में इज़ाफा हुआ है। जोकि वर्ष 2020 में रोजाना 9 गाड़ियां बरामद होने का था यह आंकड़ा वर्ष 2021 में 10 से पार चला गया था। वहीं वर्ष 2022 में पुलिस ने बरामदगी का यह आंकड़ा 15 के आस पास पहुंचा दिया है। पुलिस के द्वारा कई गाड़ी चोर गैंगो को पकड़ कर उनका पर्दाफाश किया गया है, उन्हें गिरफ्तार भी किया गया है, परंतु यह कार्य रुकने का नाम ही नहीं ले रहा हैं।
सिर्फ 5 मिनट में कर लेते है गाड़ी चोरी
पुलिस ने बताया कुछ गैंग सुबह 5-8 बजे के बीच में गाड़ियां चुराते है, कुछ दिन में 10-5 और ज्यादातर चोर रात को 11-4 चुराते हैं। इन चोरों के लिए ऑटोमैटिक गाड़ी चुराना बहुत आसान है, यह चाइनीज एप से गाड़ी पर लगे बारकोड को क्रैक कर देते है या फिर की-मेकिंग टैब से नई चाबी बनाना, या फिर गाड़ी का पीछे वाला छोटा शीशा तोड़कर गाड़ियों का लॉक तोड़ देते हैं। यह सब कार्य करने में इन्हें महज 5 मिनट का समय लगता हैं।
गाड़ी चोरी होने की वजाहें
कॉलोनियों के बाहर सूनसान में गाड़ी खड़ी करना
रेजिडेंशल-कमर्शल एरिया में पार्किंग ना होना
कम खतरे में अपराधियों को ज्यादा मुनाफा
दूसरे राज्यों पार्ट्स की काफी डिमांड होना
चोरी से बचने के उपाय
गाड़ी को हमेशा पार्किंग में खड़ा करें
सिक्योरिटी अलार्म जरूर लगवाएं
गियर और वील लॉक लगाकर रखें
कार के शीशों पर नंबर लिखवाएं
जीपीएस (GPS) सिस्टम लगाना ना भूलें