खुशखबरी: दिल्ली सरकार ने दी इन निजी वाहनों को चलने की इजाजत, दिल्ली में प्रदूषण में कमी 

वर्तमान समय में नॉर्थ इंडिया राज्यों की हालत बेहद खराब चल रही है। हर राज्य चाहे वो दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर (delhi-ncr), राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार या पंजाब हर राज्य वायु प्रदूषण की चपेट में है। वहीं कई राज्यों की तो हालत इतनी खराब हो गई है उनका वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरे रेखा से पार पहुंच चुका हैं इनका AQI इतना गन्दा हो गया है की वहां सांस लेना तक दुश्वार हो गया हैं। वहीं पंजाब, राजस्थान में जलाई जला जा रही धान की पराली के धुएं के तहत कई राज्यों की AQI सबसे खराब वायु गुणवत्ता की सूची में शामिल हैं। आज यानी कि 15 नवंबर 2022 मंगलवार को सुबह दिल्ली का ओवरऑल वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 221 दर्ज किया गया है। इसके अलावा दिल्ली एनसीआर (delhi NCR) के क्षेत्र नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 302 और गुरुग्राम का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 162 दर्ज किया गया है।

 

बीएस-3, बीएस-4 वाहनों पर प्रतिबंध हटा

प्राप्त जानकारियों के मुताबिक राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली सरकार ने बीएस-3 और बीएस-4 के श्रेणी के वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। परंतु अब दिल्ली सरकार ने लोगों को राहत देते हुए यह प्रतिबंध हटा दिया है। जानकारी के लिए बता दे कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने कुछ दिन पहले ही फैसला लिया था कि 13 नवंबर 2022 तक दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहन नहीं चल सकेंगे। वहीं सरकार के इस फैसले से राजधानी दिल्ली में पंजीकृत पांच लाख वाहन मालिकों को राहत मिल जाएगी। पाबंदी लगने के बाद से टैक्सी यूनियन लगातार इसे हटाने की मांग कर रहे थे।

 

GRAP 4 हटाया गया और आवश्यक निर्माण कार्य भी शुरू

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार दिखते ही केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता एजेंसी सीएक्यूएम (CAQM) ने GRAP का चौथा चरण वापस लेने का ऐलान कर दिया था। जिसके तहत दिल्ली-एनसीआर (Delhi- NCR) में गैर बीएस-6 हल्के वाहनों व ट्रकों को प्रवेश की अनुमति मिल गई है, और अब निर्माणाधीन अवस्था में पड़े जरूरी जरूरी निर्माण कार्य पुनः शुरू हो सकेंगे। वहीं स्थिति में सुधार होने के बावजूद भी दिल्ली का औसत AQI 339 रहा। तब भी वह देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। गौरतलब है कि वर्तमान की प्रदूषण स्थिति की हालत को देखते हुए ग्रेप (GRAP) का पहला और दूसरा चरण लागू रहेगा। इसके अंतर्गत खासतौर पर सड़कों की वैक्यूम क्लीनिंग (Vaccum Cleaning) , पानी का सड़को पर छिड़काव, निर्माण-ध्वस्तीकरण स्थलों पर एंटी स्माग गन की तैनाती, धूलरोधी दिशानिर्देशों का पालन, होटल-रेस्तरां में स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल जैसे तमाम बड़े और सहज उपाय शामिल हैं।