अगर लेने है वाटरफॉल के मज़े तो जाइए, दिल्ली की इस जगह और आनंद उठाइए नीले झरने का

देश की राजधानी दिल्ली अपने इतिहास और खूबसूरती के लिए जानी जाती हैं, ना जाने कितनी सल्तनत को इस दिल्ली शहर ने उजड़ते और बस्ते हुए देखा है। कुतुब मीनार, लाल किला आदि इतनी ऐतिहासिक और खूबसूरत विरासतों से दिल्ली भरा हुआ है। अगर आपके पास बाहर जाने का समय नहीं है या फिर इतना बजट नहीं है की आप झरने देखने बाहर जा सके तो परेशान मत होइए। आप असोला भाटी माइंस आ सकते हैं। आपको भी झरने का लुफ्त उठाना है तो असोला भाटी माइंस जाए और वहां पर कृत्रिम वाटरफॉल (Artificial waterfall) का मज़ा अपनी फैमिली के साथ उठाए।

 

दिल्ली के असोला भाटी माइंस में वाटरफॉल बनकर तैयार

राजधानी दिल्ली के असोला भाटी माइंस क्षेत्र में स्थित नीली झील में शहर का पहला कृत्रिम वैटरफाल काम्पलेक्स (artificial waterfall complex) बनकर तैयार हो गया है। दिल्ली के राज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले दिनों इस वाटरफॉल का उद्घाटन किया हैं। दिल्ली और उसके आस पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के अलावा बाहर से भी इस वाटरफाल का आनंद लेने पहुंच रहे है। इसके साथ असोला भाटी माइंस में एक वन्यजीव अभ्यारण्य (Wildlife Sanctuary) भी है, जहां अनेकों प्रकार के पेड़ पौधे तथा जैव विविधता पाई जाती है। इस वन्यजीव अभ्यारण्य (Wildlife Sanctuary) में घरेलू, स्थानीय तथा प्रवासी पक्षियों की लगभग 200 प्रजातियां भी पाई जाती हैं जिसका आनंद उठाने लोग-बाग दूर-दूर से आते हैं।

 

हरियाणा, राजस्थान के लिए है महत्वपूर्ण

इस वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की भौगोलिक स्थिति भी वन्यजीव अभयारण्य की खूबसूरती बढ़ाती है। ये वन्यजीव अभयारण्य 32.7 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में बना हुआ है। यह वन्यजीव अभयारण्य (wildlife sanctuary) इसलिए भी स्थित है क्योंकि यह वाइल्डलाइफ कारिडोर की तर्ज पर बना हुआ है, जोकि राजस्थान के अलवर में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान से शुरू होता है और हरियाणा के मेवात, फरीदाबाद और गुरुग्राम के ज़िलों से गुजरता है।