दिल्ली अपनी मुट्ठी में संस्कृतियों, प्राचीन वास्तुकला, इतिहास, विरासत और यहां तक कि आधुनिक क्षेत्रों और संस्कृति को समेटे हुए हैं। इसके साथ ही यह आपकों यहां वर्षो पुराने मन्दिर भी मिल जाएंगे,जिन्होंने वर्षों से लोकप्रियता हासिल की है।जिनको आपको जरूर देखना चाहिए।
- श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर (गोले बाजार)
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर उर्फ बिड़ला मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो लक्ष्मी और नारायण को समर्पित है। यह एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण भी है। 1939 में निर्मित इस मंदिर का उद्घाटन महात्मा गांधी द्वारा किया गया था। यहां पर कई मंदिरों, फव्वारों और हिंदू और राष्ट्रवादी मूर्तियों के साथ एक बड़ा बगीचा है।
कहाँ : श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर – मंदिर मार्ग, गोले बाजार के पास
समय : 4:30 AM – 1 PM और 2:30 – 9 पीएम
- श्री सिद्ध शक्ति पीठ शनिधाम (महरौली)
यह मंदिर भगवान शनि की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के लिए जाना जाता है। श्री सिद्ध शक्ति पीठ शनिधाम मंदिर असोला के पास छतरपुर रोड पर स्थित है। मंदिर श्री शनिधाम ट्रस्ट चलाता है, जो एक गैर-लाभकारी, गैर-सरकारी सामाजिक कल्याण स्वयंसेवी संगठन है। जो भारत के विभिन्न हिस्सों में सामाजिक कल्याण गतिविधियों में लगा हुआ है। यह वर्षों से शनि भक्तों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है।
कहाँ : श्री सिद्ध शक्ति पीठ शनिधाम – 329, असोला, फतेहपुर बेरी, महरौली
समय : 5 AM- 10PM
- योगमाया मंदिर (महरौली)
योगमाया मंदिर, जिसे 5,000 साल पुराना माना जाता है, जिसे जोगमाया मंदिर भी कहा जाता है। कृष्ण की बहन देवी योगमाया को समर्पित यह मंदिर महरौली में स्थित है।
हिंदू पौराणिक कथाओं में कुछ कहानियों के अनुसार, उन्हें सभी प्राणियों की मां के रूप में भी पूजा जाता है। कहा जाता है कि यह मंदिर महाभारत के कुछ जीवित मंदिरों में से एक है।
कहाँ : योगमाया मंदिर – खसरा नंबर 1806, महरौली
समय : सुबह 7 बजे – शाम 8 बजे
- श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर (छतरपुर)
कहा जाता है कि इस मंदिर को 1974 में स्थापित किया गया था।यह भव्य मंदिर एक सुव्यवस्थित हिंदू मंदिर है, यहां देवी कात्यायनी की पूजा होती है। कहा जाता है कि अक्षरधाम मंदिर बनने से पहले श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर था। 70 एकड़ के विस्तृत क्षेत्र में फैला यह मंदिर सरिस्का टाइगर रिजर्व से दिल्ली तक फैले उत्तरी अरावली तेंदुए वन्यजीव गलियारे से भी घिरा हुआ है।
कहाँ : श्री आद्य कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर – मुख्य छतरपुर रोड, ब्लॉक ए1, डॉ अंबेडकर कॉलोनी, छतरपुर
समय : सुबह 6 बजे – रात 10 बजे