2 अक्टूबर से दिल्ली DTC बस का बदलेगा रूट, यहां देखें नए रूट

अगर आप रोजाना दिल्ली DTC से सफर करते हैं तो ये खबर आपके बड़े काम की है,क्योंकि दिल्ली के सार्वजनिक बस परिवहन सिस्टम में दो दशकों के बाद अब एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। जिसका सीधा असर आप पर पड़ेगा।

DTC मे ये बदलाव दिल्ली की बढ़ती आबादी, मेट्रो के विस्तार, नए बिजनेस सेंटरों के बनने, एनसीआर रीजन के डिवेलप होने और अनधिकृत कॉलोनियों और ग्रामीण क्षेत्रों में हुए बदलावों को देखते हुए हो रहे है। क्योंकि अब लोगों की परिवहन संबंधी जरूरतें काफी बदल गई हैं।

इन्हीं जरूरतों को देखते हुए डीटीसी और क्लस्टर बसों के रूटों में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। डीटीसी की केस स्टडी के आधार पर नए बस रूट तैयार किए जा रहे हैं। यात्रियों की तादाद और उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डीटीसी और क्लस्टर बसों की उपलब्धता और उनकी फ्रीक्वेंसी तय की गई है।

फिलहाल डीटीसी और क्लस्टर स्कीम की लगभग 7300 बसें चल रही हैं। अगले 4 साल में इन बसों की संख्या को बढ़ाकर लगभग 11000 करने का लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किया है।ऐसे में सरकार रूटों के नए स्वरूप को ध्यान में रखते हुए भविष्य में नई बसें लाएगी।

सभी रूटों पर जहां सामान्य आकार की 12 मीटर लंबी बसें चलेंगी, वहीं फीडर रूटों पर 9 मीटर लंबी मिनी बसें चलाई जाएंगी। आपकों बता दें कि ये सभी इलेक्ट्रिक बसें होंगी, जो स्टेज कैरिज बसों के रूप में चलेंगी। मेट्रो की फीडर बसों को भी इन्हीं फीडर रूटों के अनुसार चलाया जाएगा।

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस बदलाव से बसों की फ्रीक्वेंसी में सुधार होगा। फिर लोगों को अलग-अलग रूटों पर जाने के लिए स्टॉप पर लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

इसके बदलाव के बाद से प्रमुख रूटों पर 5-5 मिनट की फ्रीक्वेंसी पर बसें मिला करेंगी। वही नए रूटों की विस्तृत जानकारी परिवहन विभाग की वेबसाइट www.transport.delhi.gov.in पर भी अपलोड कर दी गई है।

इसके साथ ही लोगों से कहा गया है कि यदि उन्हें इन रूटों में किए गए बदलावों से संबंधित अपने कोई सुझाव देने है या कोई आपत्तियां हैं तो वे दो महीने के अंदर परिवहन विभाग को [email protected] पर ई-मेल करके अपने सुझाव, आपत्तियां और प्रतिक्रियाएं दर्ज करा सकते हैं।

दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने इस संबंध में एक सार्वजनिक सूचना जारी की है, जिसमें बताया गया है कि एनसीआर और फीडर रूटों को छोड़कर बाकी सभी नए रूटों पर 2 अक्टूबर से ट्रायल बेसिस पर बसों का परिचालन शुरू किया जाएगा।

इस ट्रायल के दौरान केवल 50 पर्सेंट बसों को ही नए रूटों पर चलाया जाएगा। बाकी 50 पर्सेंट बसों को पुराने रूटों पर ही चलाया जाएगा।जब धीरे-धीरे लोगों को नए रूटों के बारे में पता चल जाएगा, तब इस व्यवस्था को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।

इन रूटों पर चलेंगी बस

  1. एनसीआर रूट : 11 रूट

दिल्ली-एनसीआर के बीच आने-जाने वाले लोगों की सहूलियत के लिए ये रूट तैयार किए गए हैं। इन रूटों पर 20 मिनट की फ्रीक्वेंसी पर बसें चलाई जाएंगी

  1. सुपर ट्रंक रूट : 2 रूट

ये रूट शहर के अन्य प्रमुख केंद्रों से व्यापारिक/वाणिज्यिक केंद्रों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। इन रूटों पर भी 5 से 10 मिनट की फ्रीक्वेंसी पर बसें चलाई जाएंगी।

  1. प्राइमरी रूट्स : 18 रूट

ये ऐसे प्राथमिक रूट्स होंगे, जो शहर के विभिन्न आवासीय क्षेत्रों से अन्य व्यापारिक क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। इन रूटों पर 10 से 20 मिनट की फ्रीक्वेंसी पर बसें चलेंगी।

4. लास्ट माइल फीडर रूट्स : 53 रूट

ये रूट दिल्ली के विभिन्न गांवों और अन्य आवासीय क्षेत्रों से नजदीकी ट्रंक रूट, प्राइमरी रूट या मेट्रो स्टेशन के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। इन रूटों पर 7 से 15 मिनट की फ्रीक्वेंसी पर बसें मिलेंगी।

  1. सीबीडी सर्कुलेटर : 3 रूट

ये रूट दिल्ली के प्रमुख व्यापारिक/वाणिज्यिक केंद्रों (सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट्स) के बीच कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएंगे या उसमें सुधार करेंगे। इन रूटों पर 5 से 10 मिनट की फ्रीक्वेंसी पर बसें चलेंगी।

  1. एयरपोर्ट सर्विस रूट्स : 4 रूट

ये रूट शहर के प्रमुख केंद्रों से एयरपोर्ट के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। इन रूटों को एयरपोर्ट एक्सप्रेस रूटों के रूप में संचालित किया जाएगा। इन पर 10-10 मिनट की फ्रीक्वेंसी पर बसें चलेंगी।