अब घर बनाना दिल्ली में पड़ेगा महँगा,कंस्ट्रक्शन के लिए पहले चाहिए ये सर्टिफिकेट

दिल्ली में अब घर बनाना और महंगा हो गया है। दिल्ली में जनता की बढ़ती शिकायतों को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली सरकार ने फ़ैसला लिया है कि,दिल्ली में 500 वर्ग मीटर से बड़े क्षेत्र में फ्लैट बनाने वाले बिल्डरों को कंपीलिशन सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा।

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी ( रेरा ) दिल्ली ने इसके लिए लगभग पूरी तैयारियां कर ली हैं। आपको बता दें कि जो बिल्डर कंपीलिशन सर्टिफिकेट नहीं लेंगे उनको जुर्माने सहित कानूनी कार्यवाही झेलनी पड़ सकती हैं।

अधिकारियों के अनुसार बिल्डरों के बनाए फ्लैटों को लेकर लोगों की शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। आपको बता दें कि बिल्डर फ्लैट बनाने का काम तो शुरू कर देते हैं, लेकिन उसे समय पर पूरा नहीं करते। इसके साथ ही बिल्डिंग बनाने के लिए भी अच्छी सामग्री की गुणवत्ता को लेकर भी गंभीरता नहीं बरती जाती है।

रेरा के चेयरमैन आनंद कुमार बताया हैं कि उन्हें शिकायतें मिल रही है कि, दिल्ली की ज्यादातर कालोनियों में लंबे समय से रह रहे लोगों को बिल्डर बिना किसी खर्च के उनके पुराने मकान को नया बनाने का लालच देते हैं। जिसके बाद वे उनका पुराना मकान तोड़कर चार मंजिला फ्लैट बनाते हैं।

इसके लिए बिल्डर जमीन मालिक से बाकायदा एग्रीमेंट करता है। इसकी एवज में एक फ्लैट बिल्डर खुद रख लेता है जबकि बाकी संपत्ति मालिक को दे दिए जाते हैं। अपने हिस्से का फ्लैट बेचकर बिल्डर निर्माण की लागत निकालता है।

जिसे से लोग काफी परेशान हैं। इसी वजह से अब ऐसे सभी प्रोजक्टों में कंपीलीशन सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य करने की प्रक्रिया चल रही है। जिसके बाद जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा। ऐसा होने के बाद बिल्डर अनेक स्तरों पर जवाबदेही बन जाएगा,और वह भू मालिक के साथ बेईमानी नहीं कर पाएगा।

रेरा कंपलिशन सर्टिफिकेट 500 स्क्वायर मीटर से बडे़ एरिया के फ्लैट्स के लिए अनिवार्य करने की तैयारी में हैं। इससे लोगों के हितों की रक्षा हो पाएगी। वहीं बिल्डर की मनमानी पर अंकुश लगेगा।

इस समय बिल्डर घनी आबादी वाले इलाकों में फ्लैट्स का ट्रेंड चल रहा है। जमीन मालिकों के पास अपने घर को पांच मंजिला बनाने के पैसे नहीं होते। इस वजह से वह बिल्डर के झांसे में फंस जाते हैं। जिस बात का फायदा बिल्डर उठा रहे हैं।