हमने आपकों कुछ दिन पहले बताया था कि अपनी मियाद पूरी कर चुके 10 साल पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। जिसके बाद बाद उन्हें रोड़ पर चलने की इजाजत नहीं है।
इसी के चलते अपनी गाड़ी को कबाड़ होने से बचाने के लिए हर साल 57000 से अधिक वाहन मालिक पंजीकरण के लिए दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं।बता दें कि दिल्ली में हर साल लाखों वाहनों की मियाद पूरी होती है। जिसके बाद लाखों रुपये के वाहनों को स्क्रैप करने पर चंद हजार रुपये ही मिलते हैं।
अब कबाड़ बनने से अपने वाहनों को बचाने के लिए सालाना हजारों वाहनों का दूसरे राज्यों में पंजीकरण करवाया जा रहा है। बीते छह सालों में एनओसी लेने वालों की संख्या बढ़कर करीब दो गुना हो गई है। बता दें कि पिछले छह साल में 345896 वाहनों को एनओसी जारी की गई है।
यह भी बता दें कि बीते छह सालों में सर्वाधिक एनओसी मोटर कार के लिए जारी की गई हैं। इस दौरान कुल 276597 कारों के लिए एनओसी जारी हुई है।
दूसरे नंबर पर मोटर कैब के लिए, वहीं तीसरे नंबर पर सामान वाहक वाहनों के लिए की गई है। इसी के साथ सबसे कम दिव्यांगों के वाहनों के लिए एनओसी जारी हुई है, जो कि सिर्फ एक है।