दिल्ली सरकार ने परिंदों को लेकर लिया कुछ ऐसा फ़ैसला, जिस जानकर पसीज जाएगा आपका दिल

जैसा कि हमने आपकों बताया कि सरकार ने जनकपुरी वेस्ट से आरके आश्रम के बीच मेट्रो निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। जिसके लिए सरकार ने 316 पेड़ों को हटाने की इजाजत दे दी है।

ऐसे में आपके मन में चल रहा होगा कि सरकार ने इन पेड़ों को तो हटाने की इजाजत दे दी है लेकिन इन पर रहने वाले
पक्षियों का क्या होगा, क्या वो सब बेघर हो जाएंगे?

तो हम आपकों बता दें कि आपकों चिंता करने की जरूरत नही है। क्योंकि दिल्ली सरकार ने स्पष्ट कहा कि पेड़ों को जब तक काटने की अनुमति नहीं है जब तक उन पर पक्षियों का घोंसला होगा। जब वह अपना नया बसेरा बना लेंगे तो वे पेड़ काट सकते हैं।

इसी के साथ दिल्ली सरकार ने डीएमआरसी को निर्देश भी दिया है कि प्रत्यारोपण की शर्तें पूरी करने के बाद तुरंत इस दिशा में पहल करते हुए छह महीने के अंदर इस कार्य को पूरा करें और पेड़ों की निगरानी से संबंधित रिपोर्ट भी वन अधिकारी को सौंपे।

वहीं पेड़ों की कटाई के 90 दिन के अंदर टहनियों को नजदीकी श्मशान पर निशुल्क पहुंचाना होगा और इस पर आने वाले खर्च का वहन भी डीएमआरसी ही करेगी। इसके अलावा डीएमआरसी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अगर कोई प्रत्यारोपित पेड़ जीवित नहीं रहता है तो उसके बदले में 15 फीट लंबा और 6 इंच मोटा देसी प्रजाति के 5 पेड़ लगाने होंगे।

जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली सरकार ने एजेंसी को पेड़ों की कटाई और प्रत्यारोपण के बदले 10 गुना पेड़ लगाना अनिवार्य किया है। जिसके तहत डीएमआरसी ने साइट पर 58 फीसदी पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने सहित 3,160 नए पेड़ पौधे लगाएगा।

जिसमे नीम, अमलतास, पीपल, पिलखान, गूलर, बरगद, देशी किकर और अर्जुन समेत दूसरी प्रजाति के पौधे भी शामिल हैं।