दिल्ली सरकार के इस फ़ैसले के बाद से PUC जांच हुई दोगुनी, यहां जाने क्या है वो फ़ैसला

दिल्ली सरकार अब दिल्ली के पॉल्यूशन को कम करने के लिए बडी सख्ती से कदम उठा रही है। जिसके लिए दिल्ली के ट्रांसपोर्ट विभाग ने भी कई नियम लागू किए हैं।

जिसके बाद से दिल्ली में वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा दिखाई गई सख्ती का असर नजर आने लगा है। क्योंकि जहां लोग पल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट की वैधता खत्म होने के बाद से अपनें गाड़ी की पल्यूशन जांच नहीं करा रहे थे।

वहीं ट्रांसपोर्ट विभाग ने पिछले हफ्ते में ऐसे 19.50 लाख से ज्यादा लोगों को एक साथ नोटिस भेजे। उन्होंने गाड़ी के साथ रजिस्टर्ड कराए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए एक नोटिस भेजा है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि अगर एक हफ्ते के अंदर गाड़ी की पल्यूशन जांच नहीं करवाई तो 10 हजार रुपये का चालान काटा जाएगा और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाएगा।

ट्रांसपोर्ट विभाग के इस नोटिस का असर ऐसा हुआ कि प्रदूषण जांच केंद्रों पर पीयूसी चेक करवाने के लिए लोगों की तादाद बढ़कर दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। क्योंकि परिवहन विभाग के जॉइंट कमिश्नर (एनफोर्समेंट) नवलेंद्र कुमार सिंह के रिकॉर्ड के मुताबिक़ कुल 19,68,502 गाड़ियां ऐसी थीं, जिनकी पीयूसी की वैधता खत्म हो चुकी थी।

यहीं वह गाड़ियां थी जिन्हें पिछले हफ्ते नोटिस भेजकर चेतावनी दी गई थी कि वे 7 दिन के अंदर अपनी गाड़ी की पीयूसी जांच करवा लें, वरना उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस नोटिस का असर ऐसा हुआ कि पहले जहां दिल्ली में प्रतिदिन तकरीबन 12-15 हजार गाड़ियों की ही पल्यूशन जांच हो रही थी, वहीं अब प्रतिदिन 37,043 गाड़ियों की पीयूसी जांच हो रही है।