दिल्ली का ये छात्र जुटा अनोखी मुहिम में, अब तक बचाई कई लोगों की जान

आज की इस मतलबी दुनिया में ऐसे बहुत ही कम लोग है,
जो अपने स्वार्थ से परे हट के दूसरो के बारे में सोचते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी ऐसे कई लोग है जो आज भी दूसरो के लिए सोचते हैं। तो आज हम आपकों एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताएंगे, जिसने अपने से पहले दूसरो के बारे में सोचा है।

ये व्यक्ति दिल्ली के वसंत विहार में रहने वाला एक छात्र है,जो पिछले 3 सालों से लोगों को हार्ट अटैक से बचाने की मुहिम में लगा हुआ है। इस छात्र का नाम वीरेन कालरा है, जिसने पिछले साल ही डीपीएस स्कूल आरकेपुरम से अपनी बारहवीं की पढ़ाई पूरी की है।

लेकिन पढ़ाई के साथ ही इस छात्र ने प्रण लिया हुआ है कि ये लोगो की हार्ट अटैक से जान बचाएगा। जिसके लिए ये छात्र मुहिम चला रहा है, और लोगों को हार्ट अटैक के समय दी जाने वाली कॉर्डियोपल्मेनरी रिससिटेशन (सीपीआर) की ट्रेनिंग दे रहा है। बीते 3 सालों में ये छात्र अब तक 11 हजार से ज्यादा छात्रों, ऑफिसों, संगठनों में जाकर ट्रेनिंग दे चुका है।

क्योंकि 2019 में वीरेन ने हार्ट अटैक की वजह से अपने एक करीबी को खो दिया था। क्योंकि उस समय पब्लिक में मौजूद किसी को भी सीपीआर देनी नहीं आता था।वीरन से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस बात को लेकर वह काफी दिनों तक बेहद उदास रहें। जिसके बाद से उन्होंने मन ही मन में ठान लिया कि वह लोगों को सीपीआर की ट्रेनिंग देगा।

बता दें कि सीपीआर एक प्राथमिक इलाज है, जिसमे हार्ट अटैक आने के बाद दोनों हाथों से मरीज की छाती को बार-बार प्रेस किया जाता है। ऐसा करने से दोबारा सांस आने की काफी संभावना रहती है।

सीपीआर की ट्रेनिंग देने के लिए वीरेन ने अपने आरकेपुरम के डीपीएस स्कूल में एक रक्षक क्लब बनाया। जिसमें उसने पहले खुद बेसिक लाइफ सपोर्ट तकनीक के डॉक्टरों से ट्रेनिंग ली। और उसके बाद अपने स्कूल के 9 वीं कक्षा से लेकर 12 वीं कक्षा तक के छात्रों को ट्रेनिंग देनी शुरू की।

वीरेन का कहना है कि अगर उसकी इस ट्रेनिंग से एक भी इंसान की जान बचाई गई, तो वह अपनी इस ट्रेनिंग को सफल समझेगा। वीरेन का अनुसार देश में एंबुलेंस पहुंचने में 30 मिनट का समय लग जाता है और अस्पताल तक ले जाने में 1 घंटा लग जाता है।

किसी भी हार्ट अटैक के मरीज के लिए यह समय सबसे कीमती होता है।अगर ऐसे में कोई सीपीआर देना जानता है तो उस मरीज की जान बचाने में काफी मदद हो सकती है।