ताजनगरी दिल्ली की कई जगहें पर्यटकों के लिए बेहद खास हैं। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों लोग दिल्ली घूमने आते हैं। राजधानी दिल्ली की मशहूर जगहों जैसे लाल किला, इंडिया गेट और कुतुब मीनार के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं, परंतु दिल्ली के कुछ इलाके अपने खास नामों की वजह से जाने जाते हैं। इन सब में से एक है दिल्ली का ‘कड़कड़डूमा’ इलाका। अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं तो आपने कभी न कभी कड़कड़डूमा जरूर देखा होगा, दिल्ली मेट्रो स्टेशन भी यहीं स्थित है, परंतु क्या आप जानते हैं कि इस इलाके का नाम कड़कड़डूमा कैसे पड़ा? आज हम आपको इसके नाम की अनोखी कहानी बताएंगे।
कड़कड़डूमा को इसका नाम कैसे मिला?
आपको बता दे कि कड़कड़डूमा इलाका पूर्वी दिल्ली में आता है। Quora वेबसाइट पर प्रदीप अत्री नाम के एक यूजर ने इसके नाम की कहानी बताई, उन्होंने बताया कि कड़कड़डूमा क्षेत्र के पास करकरी मोड़ है, इसके अलावा करकरी रोड भी है। यह सड़क ‘करकरी गाँव’ या ‘करकरी कॉलोनी’ की ओर जाती है। करीब 150 साल पहले इस करकरी गांव में ‘दम’ समुदाय के लोग आकर बस गए थे। इस प्रकार इस क्षेत्र को कड़कड़डूमामन के नाम से जाना जाने लगा, जिसे बाद में ‘कड़कड़डूमा’ के नाम से जाना जाने लगा।
पहले यह इलाका यूपी के मेरठ के अंतर्गत आता था
पहले यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश की सीमा के अंतर्गत आता था। लेकिन बाद में यह राजधानी दिल्ली आ गया। 1964 के बाद यहां चीजें बदलने लगीं, जब दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने विकास के लिए भूमि का अधिग्रहण किया। उस वक्त तक यह लगभग 300 घरों की ग्रामीण बस्ती थी। उस समय यहां बड़ी संख्या में खेत हुआ करते थे। 1959 में, इस गांव को पहली बार उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से दिल्ली के लिए अधिग्रहित किया गया था।
कड़कड़डूमा कैसे पहुंचे?
बता दें कि अगर आप कड़कड़डूमा जाना चाहते हैं तो दिल्ली मेट्रो सबसे अच्छा विकल्प है। आप यहां डीटीसी बसों के जरिए भी पहुंच सकते हैं। फूड लवर्स के लिए इस इलाके में कई खास जगहें हैं। यहां आप बबल बैफल रेस्टोरेंट में लजीज खाने का लुत्फ उठा सकते हैं। वहीं स्ट्रीट फूड के शौकीन लोग कड़कड़डूमा स्थित शिव टिक्का वाला जा सकते हैं।