हर किसी व्यक्ति को घूमना पसंद होता है और वह घूमने के लिए अच्छी अच्छी जगहों की तलाश में रहता है। किसी इंसान को ऐतिहासिक धरोहर, इमारत देखना पसंद हैं तो किसी को मनोरजंन वाली। दिल्ली ने भी कई सारे ऐतिहासिक धरोहर, इमारतें है, जिन्हें देखने लोग देश विदेश से आते है और इन जगहों को देखते है। अगर आप भी दिल्ली में रहते है और आपको भी ऐतिहासिक धरोहर इमारतों को घूमने वा देखने का शौक है या फिर आप दिल्ली के बाहर के राज्य या आस पास के क्षेत्रों में रहते है तो आप घूमने के लिए दिल्ली का रुख कर सकते हैं। इन जगहों की खास बात ये है कि इन जगहों को घूमने में न तो अधिक पैसा खर्च होगा और ना ही अधिक समय की जरूरत होगी। आप दिल्ली के इन विश्व धरोहर लाल किला, क़ुतुब मीनार सहित अन्य कई जगह घूम सकते है, चलिए बताते है हम आपको आज ऐसी ही पर्यटन स्थलों के बारे में।
लाल किला
राजधानी दिल्ली का लाल किला अपने इतिहास के लिए जाना जाता है, इसने न जाने कितने दौर, सल्तनत को बस्ते उजड़ते देखा है और यह दुनियाभर में मशहूर है। पहले ये किला सफेद रंग था, बाद में लाल रंग का हो गया। लाल किला का असली नाम ‘किला-ए-मुबारक’ है। लाल किला मुगलों ने बनवाया था जब उन्हें अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली शिफ्ट करनी थी। अंग्रेजो ने इसे रेड फोर्ट नाम दिया था। इसे बनने में 10 वर्ष लगे थे। 80 रुपये का टिकट बड़े लोगो के लिए है और बच्चों के लिए तीस रुपये का टिकट हैं।
कुतुब मीनार
राजधानी दिल्ली के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक कुतुब मीनार है। कुतुब मीनार देश की सबसे ऊंची मीनारों में से एक है। यह पांच मंजिला इमारत है, जिसमें भारतीय वास्तुकला का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। कुतुब मीनार की टिकट लगभग 30 रुपये है।
पुराना किला
इसका निर्माण शेरशाह सूरी ने करवाया था और यह चिड़ियाघर के पास स्थित है। शेरशाह के बाद यहां हुमायूं रहा करते थे और हुमायूं का निधन भी इसी किले के अंदर सीढ़ियों से फिसल कर हुआ था। पुराने किले का टिकट 25 रुपये का है। इसके अंदर म्यूजियम हैं अगर आप वो भी देखना चाहते है तो आपको 30 रूपये की टिकट लेनी होगी। किले के अंदर तलाकी दरवाजा, बड़ा दरवाजा, शेहशाह की मस्जिद व शेर मंडल स्थित है।
हुमायूं का मकबरा
मुगल साम्राज्य के बाबर के बेटे हुमायूं की पत्नी हाजी बेगम ने हुमायूं के मरने के बाद यह इमारत बनवाई थी। हुमायूं का मकबरा लाल पत्थर व संगमरमर के संगम से बना हुआ है। यहां पर हुमायूं के अलावा अन्य मुगल लोगों की समाधियां भी है। यहां ऊंची पथरीली सीढ़ियां, कलात्मक दरवाजे प्राचीनता का बेहतरीन प्रदर्शन करता है।