Delhi Hidden Tourist Spots: दिल्ली की छुपी हुई जगह, क्या अपने देखी हैं यह जगहें?

राजधानी दिल्ली ऐतिहासिक धरोहरों का शहर है। यहां कई सारी ऐतिहासिक इमारतें हैं, जो पूरी दुनिया में जानी जाती हैं। आप दिल्ली शहर में रहते हो या न हों, दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों को बहुत कम लोगों ने देखा होगा। मजे की बात यह है कि मूल रूप से दिल्ली के रहने के बावजूद यहां की कुछ छुपी हुई ऐतिहासिक जगहों के बारे में लोग नहीं जानते हैं। अगर आप भी उन लोगों में आते हैं जो सिर्फ इंडिया गेट या लाल किले के बारे में जानते हैं तो चिंता न करें आज हम दिल्ली की कुछ छुपी हुई जगहों के बारे में बताते हैं। इस वीकेंड आप अपने परिवार को इन जगहों की सैर कराने ले जा सकते हैं।

 

चुन्नमल हवेली (Chunnamal Haveli)

राजधानी दिल्ली की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक में स्थित होने के कारण यह हवेली कहीं खो सी गई है, परंतु चांदनी चौक में होते हुए भी यह इमारत आज भी देश की सुंदरता और आकर्षण का प्रतीक बनी हुई है। राजधानी की यह छुपी हुई जगह लगभग 140 दुकानों से घिरी हुई है। बाजार में खरीदारी करते समय आपको यहां जरूर जाना चाहिए।

कहां: 838, चांदनी चौक रोड, कटरा नील, नई दिल्ली

कैसे पहुंचा जाये: निकटतम मेट्रो स्टेशन चांदनी चौक है, आप चांदनी चौक में कटरा नील के लिए एक ऑटो भी ले सकते हैं और फिर वहां से चल सकते हैं।

 

हिजड़ों का खानकाही (Hijron Ka Khanqah)

बिजी महरौली बाजार के बीच में स्थित यह आकर्षण बहुत लोकप्रिय नहीं है, परंतु निश्चित रूप से घूमने की जगहों में से एक है। हिजड़ों के खानकाह के रूप में जाना जाने वाला यह स्थान हिजड़ों के सम्मान में बनाया गया एक स्मारक है। लोदी युग में निर्मित इस स्थान के आसपास का शांत वातावरण देखने लायक है। अगर आप कहीं अकेले में घूमना चाहते हैं तो यहां जरूर जाएं।

कहा पे: वार्ड 6, महरौली, नई दिल्ली

कैसे पहुंचा जाये: निकटतम मेट्रो स्टेशन कुतुब मीनार है; वहां से आप ऑटो लेकर आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। इस जगह के लिए डायरेक्ट ऑटो या कैब भी एक अच्छा विकल्प है।

 

भारद्वाज झील असोला (Bhardwaj Lake Asola)

 

ताजनगरी दिल्ली जैसे शहर में एक झील के बारे में सुनने में आपको अजीब लग सकता है, परंतु यह दक्षिणी सिरे में छिपा एक रत्न है। झील असोला वन्यजीव अभयारण्य में स्थित है, जो दिल्ली वन्यजीव विभाग द्वारा आरक्षित क्षेत्र है। यहां बड़ी संख्या में पक्षियों और जानवरों को देखा जा सकता है।

कहा पे: असोला वन्यजीव अभयारण्य, असोला, नई दिल्ली

कैसे पहुंचा जाये: निकटतम मेट्रो स्टेशन बदरपुर है, वन्यजीव अभयारण्य तक एक ऑटो या कैब भी पसंद किया जा सकता है, वहां से झील तक पैदल जाना पड़ता है।

 

मजनू का टीला: तिब्बती कॉलोनी (Majnu ka Tila: Tibetan Colony)

मजनू का टीला को ‘द लिटिल तिब्बत’ के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थान तिब्बत से आए शरणार्थियों का घर रहा है। उत्तरी दिल्ली की यह जगह मंदिरों, कैफे, रेस्तरां, किताबों की दुकानों और गेस्ट हाउस के लिए भी प्रसिद्ध है।

कहां पे: जीटी रोड, नई दिल्ली

कैसे पहुंचा जाये: विधानसभा मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो ले सकते हैं या जगह तक पहुँचने के लिए कैब या ऑटो भी ले सकते हैं

 

छोटा कुतुब मीनार 

राजधानी दिल्ली के हस्तसाल गांव के केंद्र में छोटा कुतुब मीनार है, जो मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा निर्मित एक मीनार है। 1650 में निर्मित, लाल बलुआ पत्थर का टॉवर तीन मंजिला लंबा है। छोटा मीनार अपनी स्थापत्य शैली और संरचना में कुतुब मीनार जैसा दिखता है। टावर शुरू में 5 मंजिला लंबा था, जिसमें दो मंजिला एक गुंबद से ऊपर था। टावर शुरू में सम्राट के लिए एक मनोरंजन क्षेत्र के रूप में बनाया गया था। छोटा मीनार का वास्तुशिल्प और ऐतिहासिक महत्व इसे दिल्ली के सबसे प्रमुख ऑफबीट स्थानों में से एक बनाता है।

कहा पे: हस्तसाल गांव, दिल्ली