शहर में कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने के प्रयासों के साथ, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए एक बड़ी योजना पर काम चल रहा है। इसके तहत देश के सबसे बड़े बिजली ऋणदाता पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) ने 5000 यात्री इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और 1000 कार्गो ईवी की खरीद के लिए जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड (जीईएल) को 633 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी है।
कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को बचाएंगे
बता दें, ये ईवी दिल्ली एनसीआर में एक लाख टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के बराबर उत्सर्जन को बचाएंगे। यह बचत एक वर्ष में 50 लाख से अधिक पूर्ण विकसित पेड़ों द्वारा लिए गए कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के बराबर होगी। पीएफसी भारतीय बिजली क्षेत्र में एक अग्रणी एनबीएफसी है। खरीदे गए यात्री ईवी को ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दिया जाएगा। राइड-हेलिंग कैब्स के अपने बेड़े का विस्तार करेगी। इस ऋण की पहली किस्त पहले ही वितरित की जा चुकी है और ईवी कैब का पहला बैच दिल्ली की सड़कों पर उतर चुका है।
ईवी कैब के पहले बैच को हरी झंडी दिखाई
वहीं बिजली मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अजय तिवारी ने पीएफसी के सीएमडी रविंदर सिंह ढिल्लों के साथ गुरुवार को ईवी कैब के पहले बैच को हरी झंडी दिखाई। ईवी में बढ़ोतरी से दिल्ली शहर को काफी फायदा होने वाला है। दिल्ली सरकार को खुद इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना चाहिए और दिल्ली सरकार ने अगस्त 2020 से ईवी नीति लागू की है। इस नीति के बाद से दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ी है। राजधानी दिल्ली में एक लाख 12 हजार से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन हैं। 2022 में ही दिल्ली में 60 हजार से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, जो कुल रजिस्टर्ड वाहनों का 10 फीसदी के करीब है।