राजधानी दिल्ली में इस समय कोरोना बहुत तेजी से फैल रहा है। वहीं कोविड से ज्यादा मौसमी फ्लू बच्चों को बीमार कर रहा है। सर्दी, जुकाम के साथ निमोनिया हो रहा है। कुछ बच्चों को टाइफाइड बुखार होता है और कुछ दस्त से भी पीड़ित होते हैं। बाहर का खाना बच्चों में डायरिया का कारण बन रहा है। डॉक्टर का कहना है कि गर्मी में अक्सर डायरिया होने का खतरा बना रहता है। इसमें जिन बच्चों का हाइड्रेशन बिगड़ जाता है, उन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है। मणिपाल अस्पताल में बच्चों के डॉक्टर विकास तनेजा ने बताया कि इस समय फ्लू और वायरल कई बार एक्टिव रहते हैं। इनमें कोविड भी है, परंतु अभी मौसमी इन्फ्लुएंजा और दूसरे वायरस बच्चों में कोविड से ज्यादा खतरनाक साबित हो रहे हैं। कोविड के कारण एडमिट की जरूरत नहीं है। ऐसा मौसम में बदलाव के कारण ज्यादा हो रहा है। बच्चों में तेज बुखार कई दिनों तक बना रहता है, ऐसे बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है।
बच्चों में निमोनिया का उच्च जोखिम
डॉ. तनेजा ने कहा कि इसी तरह कुछ बच्चों को निमोनिया हो रहा है, जांच में कोविड नहीं निकल रहा है, परंतु इन्फ्लुएंजा मिल रहा है। यह बीमारी हर बच्चे को अलग तरह से प्रभावित करती है। कुछ में इसका प्रभाव सामान्य होता है तो कुछ में यह गंभीर हो जाता है। इसमें से कुछ की भर्ती की जानी है। जरूरी है कि माता-पिता सतर्क रहें, अगर बुखार और खांसी दो या तीन से ज्यादा हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। अपने मन से दवा या पुरानी दवा न दें।
कोविड और फ्लू दोनों ही टेंशन दे रहे हैं
बता दे, इस संबंध में गंगाराम अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के डॉ. अतुल गोगिया ने कहा कि अभी कोरोना और फ्लू चल रहा है। बीते 15 दिनों से कोविड मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। कई तरह के वायरल फ्लू के सक्रिय होने से लोग बार-बार संक्रमित हो रहे हैं, परंतु इसके बाद भी भर्ती होने वालों की संख्या कम है। जिन लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है, उनके फेफड़े, किडनी की बीमारी पहले से ज्यादा खराब हो गई है। ऐसे लोगों को परेशानी हो रही है। ऐसे दुर्लभ मामलों में भी कोरोना गंभीर होता जा रहा है जो लोग फिट हैं या जिन्हें कोई चिकित्सकीय समस्या नहीं है।