दिल्ली सरकार ने बजट 2023-24 में शिक्षा के लिए निर्धारित 1700 करोड़ की अनुदान राशि में से पहली इंस्टॉलमेंट जारी कर दी है। इसके तहत 400 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। शिक्षा मंत्री आतिशी और मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली सरकार द्वारा जारी अनुदान की पहली किस्त की जानकारी दी। दिल्ली सचिवालय में पत्रकार वार्ता में आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों की तर्ज पर निगम स्कूलों के सुधार के लिए यह राशि दी गई है। इससे निगम के स्कूलों में पढ़ने वाले नौ लाख छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
बजट का सबसे बड़ा हिस्सा शिक्षा को दिया
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा हमेशा से केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता रही है। जब से आप सरकार सत्ता में आई है, बजट का सबसे बड़ा हिस्सा शिक्षा को दिया गया है। दिल्ली में अधिकांश प्राथमिक विद्यालय (कक्षा V तक) MCD के अंतर्गत आते हैं। पिछली सरकारों में एमसीडी स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया गया। नतीजतन, दिल्ली सरकार के स्कूलों में छठी कक्षा में शामिल होने वाले एमसीडी स्कूलों के कई बच्चे पढ़ना-लिखना भी नहीं जानते हैं। आतिशी ने कहा कि एमसीडी स्कूलों का काम पहली से पांचवीं तक के बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत करना है।
निगम को 1700 करोड़ रुपये दिए जाएंगे
इसी के तहत यह बजट दिया जा रहा है। शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि हम रोज समस्याएं देखते हैं कि एमसीडी के शिक्षक धरने पर बैठे हैं। उन्हें वेतन नहीं मिला है। एमसीडी स्कूलों में न तो साफ-सफाई है और न ही बच्चों के बैठने के लिए डेस्क। इन तमाम समस्याओं का जवाब यही होता था कि एमसीडी के पास पैसा नहीं है। इसके तहत निगम को 1700 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
एमसीडी के ज्यादातर स्कूल बेहद जर्जर हालत में हैं
बता दें, इसकी पहली तिमाही में 400 करोड़ का फंड जारी किया गया है। इससे एमसीडी स्कूलों की फंड की समस्या दूर हो जाएगी। मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने कहा कि एमसीडी को फंड देने के लिए हम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री आतिशी के आभारी है। जब हमने एमसीडी स्कूलों का दौरा किया तो पाया कि एमसीडी के ज्यादातर स्कूल बेहद जर्जर हालत में हैं, जिनकी मरम्मत की सख्त जरूरत है। एमसीडी स्कूल कई कमियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में यह बजट निगम स्कूलों को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा।