जाम में झुलसते दिल्लीवासियों को यह जानकर हैरानी होगी कि पिछले 30-40 सालों में एमसीडी सिर्फ 1.25 फीसदी वाहनों के लिए ही पार्किंग की सुविधा विकसित कर पाई है। एमसीडी ने केवल 412 पार्किंग स्थल विकसित किए हैं, जिनमें कारों और दोपहिया वाहनों के लिए 92,078 वाहने पार्किंग करने का स्थान हैं। जबकि दिल्ली में 73,44,798 रजिस्टर्ड कारों और दोपहिया वाहनों का आंकड़ा है। वहीं पार्किंग सुविधा के विकास के लिए एमसीडी हर साल दिल्ली के दुकानदारों से रूपांतरण और पार्किंग शुल्क के रूप में सैकड़ों करोड़ रुपये वसूलती है।
एमसीडी के पास है टोटल 412 पार्किंग
एमसीडी में कुल 390 सरफेस पार्किंग है, जिसमें 32603 दोपहिया वाहनों, 50771 कारों और 1705 बसों-ट्रकों के लिए पार्किंग करने की जगह है। एमसीडी में पास 22 मल्टीलेवल पार्किंग हैं, जिनमें 6678 कारें पार्क की जा सकती हैं। मल्टीलेवल पार्किंग में सिर्फ 321 दोपहिया वाहन पार्क किए जा सकते हैं। एमसीडी में मल्टीलेवल और सरफेस पार्किंग समेत 412 पार्किंग हैं।
दिल्ली के केवल 1.25 गाड़ियों के लिए पार्किंग
इन 412 पार्किंग में दोपहिया और कारों सहित कुल 92,078 वाहनों को पार्क कर सकते हैं। जबकि दिल्ली में पंजीकृत दोपहिया व चारपहिया वाहनों को मिलाकर कुल 7344798 वाहन हैं। गौरतलब है पंजीकृत वाहनों की संख्या की तुलना में एमसीडी कई दशकों में महज 1.25 फीसदी वाहनों के लिए ही पार्किंग की सुविधा का निर्माण कर पाया है।
पार्किंग चार्ज की राशि कर्मचारियों के वेतन पर खर्च की गई
दिल्ली के दुकानदारों से हर साल पार्किंग शुल्क के रूप में सैकड़ों करोड़ रुपये वसूले जाते हैं। वहीं जबकि वाहन खरीदारों से एकमुश्त पार्किंग शुल्क लिया जाता है, परंतु इस पैसे से एमसीडी मुश्किल से दो-चार पार्किंग बना पाई है। शाहदरा (दक्षिण) और शाहदरा (उत्तर) क्षेत्रों में, एमसीडी ने पिछले कुछ वर्षों में 148 करोड़ रुपये एकत्र किए थे और इस पैसे को कर्मचारियों के वेतन पर खर्च किया था। इसलिए पूर्वी दिल्ली के किसी भी इलाके में नई पार्किंग नहीं बन सकी। सेंट्रल, साउथ, वेस्ट और नजफगढ़ जोन का भी यही हाल है।
दिल्ली में गाड़ियों की संख्या
- कार/जीप 20,76,113
- दोपहिया की संख्या 52,68,685
- कुल 73,44,798
पार्किंग के लिए कहां कितनी जगह
पार्किंग टाइप संख्या कार/ जीप दोपहिया
सरफेस पार्किंग 390 52,476 32,603
मल्टी लेवल पार्किंग 22 6678 321
कुल 412 59,154 32,924