राजधानी दिल्ली की चौड़ी सड़कों की सफाई करने के लिए एक नया विवाद खड़ा हो गया हैं। लोक निर्माण विभाग (PWD) के तहत आने वाली 1400 किलोमीटर लंबी सड़कों की सफाई का काम दिल्ली सरकार खुद करना चाहती है। जिसके लिए 70 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (MRS) मशीनें खरीदने की योजना बनाई गई है, परंतु दिल्ली सरकार यह काम तब तक नहीं कर सकती जब तक कि एमसीडी इस काम के लिए सरकार को एनओसी नहीं देती। वहीं दिल्ली सरकार ने MCD से भी NOC मांगी है, परंतु अधिकारी एनओसी देने को तैयार नहीं हैं।
एमसीडी ने 19040 किमी सड़कों की सफाई का काम किया
दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, सभी एजेंसियों को मिलाकर दिल्ली में सड़कों की कुल लंबाई करीब 19,040 किलोमीटर है। इसमें अधिकांश सड़कें एमसीडी के अधीन हैं, जिनकी कुल लंबाई करीब 15582 किलोमीटर है। वहीं इनमें से अधिकतर सड़कों की चौड़ाई बहुत कम है। इसलिए एमसीडी सिर्फ उन्हीं सड़कों की एमआरएस मशीन से सफाई करती है जो 60 फीट या उससे ज्यादा चौड़ी हों। इसलिए एमसीडी ही पीडब्ल्यूडी की 1440 किलोमीटर लंबी सड़कों की सफाई करती है। इन सड़कों की सफाई के लिए एमसीडी के बेड़े में 52 एमआरएस मशीनें हैं। 18 नई मशीनें जल्द ही आ रही हैं। इसके अलावा भविष्य में 44 नई एमआरएस मशीनें खरीदने की योजना है।
सफाई एमसीडी का संवैधानिक अधिकार
आपको बता दे कि अचानक दिल्ली सरकार ने पीडब्ल्यूडी की सड़कों की खुद सफाई करने की योजना बनाई है, जिसके लिए उसने 70 MRS मशीन पर खर्च किए है, परंतु इन सड़कों की सफाई शुरू करने के लिए दिल्ली सरकार को एमसीडी से एनओसी लेनी होगी, क्योंकि सफाई एमसीडी का संवैधानिक अधिकार है। दिल्ली सरकार ने एनओसी भी मांगी है, लेकिन एमसीडी के अधिकारी इसके लिए तैयार नहीं हैं। एमसीडी सूत्रों का कहना है कि एनओसी देना आसान नहीं है। अगर सदन में प्रस्ताव पारित कर यह अधिकार दिल्ली सरकार को दे भी दिया जाए तो भी काम नहीं चलेगा। इसके लिए संसद के अधिकार क्षेत्र में आने वाले एमसीडी एक्ट में ही बदलाव करना होगा।