आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिक्षा का मुद्दा उठाते हुए रविवार से ‘डिग्री दिखाओ’ अभियान शुरू किया है। इसके तहत हर रोज आम आदमी पार्टी के नेता शिक्षा से जुड़ी अपनी डिग्रियां जनता के सामने पेश करेंगे। प्रचार अभियान के पहले दिन आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी ने डीयू और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी तीन डिग्रियां सार्वजनिक करी। इसी के बीच आतिशी ने कहा कि मैं देश के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं खासकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से अपील करती हूं कि वे भी इस अभियान में जरूर शामिल हों और जनता के सामने अपनी डिग्रियां पेश करें, ताकि देश के लोग जान सकते हैं कि देश के निर्णयकर्ता कितने शिक्षित हैं।
सब अपनी डिग्रियां दिखाएंगे
अपनी बात जारी रखते हुए पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने कहा,
“आज इसी अभियान के तहत मैंने पूरे देश के सामने अपनी डिग्रियां दिखाई हैं। मैं देश के सभी नेताओं से अपील करना चाहता हूं कि वे अपनी डिग्रियां जनता के सामने दिखाएं और बताएं कि उन्होंने कहां से और कितनी पढ़ाई करी है। मैं भारतीय जनता पार्टी और खासकर उनके वरिष्ठ नेताओं से अपील करता हूं कि अगर उनके पास डिग्री है तो वो भी अपनी डिग्री लेकर देश के सामने आएं।”
डिग्री दिखाने में हिचकिचाहट क्यों?
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय के किसी भी छात्र ने राजनीति या किसी अन्य क्षेत्र में नाम कमाया है तो विश्वविद्यालय गर्व से इसकी घोषणा करेगा, परंतु मुझे बड़ा आश्चर्य है कि अगर देश के प्रधानमंत्री ने गुजरात यूनिवर्सिटी से ‘कंप्लीट पॉलिटिकल साइंस’ में डिग्री हासिल की है तो यूनिवर्सिटी अपनी डिग्री दिखाने में इतनी हिचकिचाहट क्यों कर रही है और डिग्री क्यों नहीं दिखा रही है, क्यों करेगी? विश्वविद्यालय दे? इसके लिए कोर्ट जाओ? क्या उन्हें इस बात का गर्व नहीं है कि उनके विश्वविद्यालय का एक छात्र आज देश का प्रधानमंत्री बन गया है?