ताजनगरी दिल्ली की पूर्व सीएम और दिल्ली कांग्रेस में पूर्व विदेश मंत्री रह चुकी स्व. सुषमा स्वराज की बेटी की एंट्री राजनीति में हो गई हैं। सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को राज्य भाजपा में कानूनी प्रकोष्ठ का सह-संयोजक नियुक्त किया गया है। वैसे तो, बांसुरी स्वराज पहले से ही पार्टी से जुड़ी हुई हैं, परंतु उन्हें पहली बार पार्टी में कोई पद दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बांसुरी को नियुक्त किया है। प्रदेश अध्यक्ष पद पर वीरेंद्र सचदेवा की यह पहली नियुक्ति है।
पीएम मोदी और अमित शाह का शुक्रिया अदा किया
I am grateful to the Hon'ble PM @narendramodi ji, @AmitShah ji, @JPNadda ji, @blsanthosh ji, @Virend_Sachdeva ji, @BJP4Delhi and @BJP4India for giving me this opportunity to serve the party as the state co-convenor of the Bharatiya Janata Party Delhi State Legal Cell. pic.twitter.com/ItS4to99hn
— Bansuri Swaraj (@BansuriSwaraj) March 26, 2023
आपको बता दें कि दिल्ली बीजेपी में नियुक्ति के बाद बांसुरी ने ट्वीट कर आभार जताया हैं। बंसुरी ने एक ट्वीट में लिखा,
भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश के विधि प्रकोष्ठ का प्रदेश सह-संयोजक के रूप में पार्टी की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए मैं आदरणीय पीएम नरेंद्र मोदी जी, अमित शाह जी, जेपी नड्डा जी, बीएल संतोष जी , वीरेंद्र सचदेवा जी, दिल्ली बीजेपी, की अत्यंत आभारी हूं।
क्रिमिनल लॉयर हैं बांसुरी
आपको बताते चले कि बांसुरी पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और स्वराज कौशल की एकमात्र बेटी हैं। बांसुरी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। बांसुरी क्रिमिनल लॉयर हैं। वह दिल्ली हाई कोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस करती हैं। बांसुरी तब सुर्खियों में आई जब वह आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की कानूनी टीम में शामिल हुईं। उस वक्त ललित मोदी ने ट्वीट के जरिए अपनी लीगल टीम को बधाई दी थी। उस टीम में बांसुरी सहित 8 वकील शामिल थे।
पिता की तरह कानून को चुना
गौरतलब हैं कि बांसुरी ने सबसे पहले अपने पिता की राह पर चलकर वकालत को चुना। बांसुरी के पिता स्वराज कौशल भी एक फौजदारी वकील हैं। स्वराज कौशल 34 साल की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के महाधिवक्ता बने। स्वराज कौशल 1990 से 1993 तक मिजोरम के राज्यपाल भी रहे। इसके अलावा वह 1998 से 2004 तक सांसद भी रहे।