दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) फेज-4 पर कार्य तेजी से प्रगति पर है। इस कुल 65 किमी लंबे नेटवर्क में से 28 किमी अंडरग्राउंड होगा, इसमें तीन अलग-अलग कॉरिडोर हैं। डीएमआरसी (DMRC) ने जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर कृष्णा पार्क एक्सटेंशन और केशवपुर के बीच 2.2 किमी लंबी सुरंग का निर्माण किया है। 1.27 किमी लंबे एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर पर छतरपुर और किशनगढ़ स्टेशनों के बीच टनलिंग का काम चल रहा है। आने वाले महीनों में अन्य हिस्सों पर भी टनलिंग का काम शुरू किया जाएगा। अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन पारंपरिक ‘कट एंड कवर’ तकनीक से बनाए जा रहे हैं, परंतु सुरंग बनाने के लिए खास मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। डीएमआरसी फेज-4 के अंडरग्राउंड सेक्शन पर कुल 18 स्टेशन बनाएगी। यह एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि ये मार्ग अत्यधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों से होकर गुजरते हैं। भूमिगत कार्य करते हुए उपरोक्त भवनों की सतत मानिटरिंग की जायेगी।
19 किमी हिस्सा भूमिगत होगा
आपको बता दें कि एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का करीब 19 किमी हिस्सा भूमिगत होगा। जबकि जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर मेट्रो 9 किमी अंडरग्राउंड चलेगी। कॉरिडोर के बाकी हिस्सों के साथ उनका काम 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। DMRC के प्रिंसिपल एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस) अनुज दयाल ने बताया,
यह एक बड़ा इंजिनियरिंग चैलेंज साबित होने वाला है क्योंकि अंडरग्राउंड कॉरिडोर भीड़भाड़ वाले रिहाइशी इलाकों, कॉमर्शियल एरियाज से होकर गुजरेंगे।
दिल्ली मेट्रो के फेज-4 की टनलिंग एक खास मशीन से की जा रही है
आने वाले महीनों में कई हिस्सों में टनलिंग का काम शुरू किया जाएगा। इनमें संगम विहार-आनंदमयी (एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर), डेरावल नगर-पुल बंगश और नबी करीब-पुल बंगश (जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर) शामिल हैं। डीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि सुरंग खोदने के काम पर नजर रखी जाएगी। उपरोक्त भवनों की नियमित मॉनीटरिंग जारी रहेगी। अंडरग्राउंड टनल बनाने के लिए स्पेशल टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का इस्तेमाल किया जा रहा है। वे मिट्टी में खोदते हैं और एक गोलाकार अनुप्रस्थ काट में एक चट्टान बनाते हैं। इनके जरिए पहाड़ों से लेकर बालू तक की खुदाई की जा सकती है।
टीबीएम ने टनलिंग में लाई क्रांति
जबकि DMRC के एक अधिकारी ने कहा,
टीबीएम ने दुनिया भर में टनलिंग के कार्य में क्रांति ला दी है। अब सुरंग बनाते समय आसपास की इमारतों और जमीन पर अन्य संरचनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में भूमिगत सुरंग बनाने के काम में टीबीएम बहुत उपयोगी हैं। डीएमआरसी पहले चरण से टनलिंग के लिए टीबीएम का इस्तेमाल कर रही है। जब तीसरे चरण में 50 किलोमीटर लंबा अंडरग्राउंड सेक्शन बनाया गया था तब दिल्ली में करीब 30 टीबीएम काम कर रहे थे।
जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम कॉरिडोर (मजेंटा लाइन) पर टोटल 22 स्टेशन हैं जिनमें से 11 अंडरग्राउंड रहेंगे। तुगलकाबाद-दिल्ली एयरोसिटी (सिल्वर लाइन) पर 15 स्टेशन बनेंगे, इसमें से सात अंडरग्राउंड होंगे। मजलिस पार्क-मौजपुर (पिंक लाइन) पर आठ स्टेशन होंगे।