Delhi News: अंग्रेजो के जमाने की सड़क का नाम आखिरकार ‘नई सड़क’ क्यों? जानिए 

ताजनगरी दिल्ली में प्रति वर्ष लाखों ट्रैवलर घूमने आते हैं। राजधानी दिल्ली में कई बेहतरीन पर्यटन स्थल हैं, परंतु राजधानी दिल्ली के कुछ इलाके अपने खास नामों से मशहूर हैं। इन्हीं जगहों में से एक है दिल्ली की ‘नई सड़क’। यदि आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं, तो आप कभी न कभी इस गली में किताबें खरीदने जरूर गए होंगे। नई सड़क चांदनी चौक क्षेत्र में है। इस गली का नाम सुनकर अगर आपको लगता है कि ये सड़क हाल ही में बनी होगी तो आप गलत हैं। इस गली का नाम ही ‘नई सड़क’ है, जबकि इसे अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया था। आखिर क्या है राजधानी दिल्ली की नई सड़क के नाम के पीछे की कहानी? चलिए बताते हैं आपको।

 

नाम के पीछे के कारण

आपको बता दे कि दिल्ली की लिए नई सड़क 1857 के युद्ध के बाद बनी थी। उस समय यह सड़क अच्छी तरह सुसज्जित और चौड़ी थी। अंग्रेजों ने इस सड़क का नाम एगर्टन रोड रखा था, परंतु यह गली नई बनी हुई थी और दूसरी सड़कों से थोड़ी अच्छी थी, इसलिए लोग इसे नई गली कहने लगे। धीरे-धीरे बोलचाल का नाम इसका आधिकारिक नाम बन गया और आज भी लोग इसे नई सड़क के नाम से ही जानते हैं।

 

20वीं सदी की इमारतों की झलक

आपको बताते चले कि यदि आप नई सड़क पर जाते हैं, तो दो मंजिला इमारतें हैं जो 20 वीं शताब्दी की शुरुआत की वास्तुकला को दर्शाती हैं। इन दो मंजिला इमारतों के ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें हैं, जहां आपको स्कूली बच्चों से लेकर उच्च शिक्षा तक की किताबें मिल जाएंगी। इसके साथ ही यहां आपको ऑफिस में इस्तेमाल होने वाले स्टेशनरी का सामान और रजिस्टर, पैप आदि आसानी से मिल जाएंगे। नई सड़क पर अच्छी किताबें और अन्य स्टेशनरी आइटम बहुत कम कीमत पर उपलब्ध हैं। इसलिए देश भर से लोग यहां अपनी पसंद की किताबें खरीदने आते हैं।

 

नाम नई सड़क पर बिकती है पुरानी किताबें 

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि नई सड़क को देश के सबसे बड़े स्टेशनरी बाजार के रूप में जाना जाता है। यह दिल्ली का सबसे पुराना बुकसेलिंग और पब्लिशिंग हब है। 1947 में जब देश का विभाजन हुआ तो लाहौर से कई बड़े प्रकाशक और पुस्तक विक्रेता दिल्ली आ गए और नई सड़क पर दुकानें चलाने लगे। इस बाजार की सबसे खास बात यह है कि भले ही इसका नाम नई सड़क है, परंतु यहां के ज्यादातर दुकानदार पुरानी किताबों का कारोबार करते हैं। दुकानों के अलावा, सड़क के किनारे टेबल पर पुरानी किताबें बेचने वाले कई छोटे स्टॉल हैं।