व्यस्त जीवन शैली में आज समय धन से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। कहीं भी घूमने जाने पर समय की कमी के कारण ट्रेन या फ्लाइट की महंगी टिकट बुक करा लेते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि आप क्या मिस कर देते हैं। दरअसल, आप मिस कर देते हैं आपकी मंजिल के बीच दिखाई देने वाली प्राकृतिक सुंदरता, खूबसूरत पहाड़ और चारों तरफ फैली हरियाली को। दूर से दिखाई देने वाला पहाड़ों का मनोरम दृश्य हमारे दिल को सुकून दे जाता है। अगर आप इसे ध्यान से देखेंगे तो आपका दिन बन जाएगा। अगर आप सच में पहाड़ों की खूबसूरती देखना चाहते हैं तो आप दिल्ली से उत्तराखंड के बीच रोड ट्रिप प्लान कर सकते हैं। रोड ट्रिप एक ऐसी यात्रा है जो न केवल खूबसूरत नज़ारे दिखाती है बल्कि दोस्तों और परिवार के साथ जीवन भर की यादें भी देती है। तो आइए बताते हैं दिल्ली से उत्तराखंड की इन 6 रोड ट्रिप के बारे में।
टोटेम (Totam uttarakhand)
टोटेम उत्तराखंड में दिल्ली से 310 किमी दूर उत्तराखंड में एक बहुत ही सुंदर और प्यारी जगह है। पहाड़ों के ऊपर बादल और यहां की ताज़ी हवा का चलना यहां की खासियत हैं। बारिश के बाद इस जगह का नजारा देखने को बनता है। टोटेम देहरादून से 274 किमी दूर है। इस रोड ट्रिप पर आप नैनीताल, हल्द्वानी और जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में रुक सकते हैं। इस सड़क यात्रा पर उत्तराखंड की अनूठी सुंदरता का पता लगाने के लिए अपनी कार लें।
मरचुला (Marchula)
मारचुला एक खूबसूरत ऑफबीट जगह है, जो उत्तराखंड के रामनगर शहर में स्थित है। यह स्थान अपने प्राकृतिक आकर्षण से प्रकृति प्रेमियों का दिल जीत लेता है। प्यारा गांव रामगंगा नदी के तट पर स्थित है। मरचुला दिल्ली से लगभग 285 किलोमीटर दूर है जो चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है। वैसे तो मारचुला में होमस्टे या होटल नहीं हैं, परंतु स्थानीय लोगों के घरों में रहने की व्यवस्था की जाती है।
नौकुचियाताल (Naukuchiatal)
नौकुचियाताल भीड़भाड़ वाले नैनीताल से कुछ ही दूरी पर है। शांति की तलाश कर रहे लोगों के लिए यह बहुत ही सुकून देने वाली जगह है। नौ कोनों वाली झील इस जगह का मुख्य आकर्षण है। यहां की रोड ट्रिप आपको हरे-भरे पहाड़ों और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कराएगी। नौकुचियाताल में कई होमस्टे और होटल हैं जहां आप रोड ट्रिप के दौरान रुक सकते हैं। राजधानी दिल्ली से 244 किमी दूर स्थित यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है।
कटारमल (Katarmal)
कटारमल उत्तराखंड में दिल्ली से 358 किमी दूर एक अनसुनी जगह है। बता दे, यह एक छोटा सा परंतु बेहद प्यारा गांव है, जो कुमाऊं मंडल में स्थित है। राजधानी दिल्ली से कटारमल तक की सड़क यात्रा एक यादगार है। रास्ते में आपको हरे-भरे जंगलों से होकर गुजरना पड़ेगा। यह गांव सूर्य मंदिर या 9वीं शताब्दी में एक कत्युरी राजा द्वारा निर्मित प्राचीन स्थापत्य शैली के सूर्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान अल्मोड़ा से 12 किमी दूर है।
ग्वाला कोटे (Gwala Kote)
राजधानी दिल्ली से 393 किमी दूर अल्मोड़ा से कसौनी के रास्ते में ग्वाला कोटे स्थान मिलता है। यह दो पहाड़ों के बीच और कोसी नदी के पास बसा एक छोटा सा गांव है। यहां आप बहती नदी के किनारे शांति से बैठ सकते हैं और पहाड़ों की खूबसूरती का लुत्फ उठा सकते हैं। यहां जाते समय आप अल्मोड़ा में नाइट स्टे कर सकते हैं।