Janakpuri Delhi Hatt: इतना समय होने के बाद वीरान पड़ा है जनकपुरी दिल्ली हाट, INA और पीतमपुरा जेसी पहचान नहीं बना पाया 

1 फरवरी 2023 को देश का बजट केंद्र सरकार ने जारी किया। इस साल के बजट में पर्यटन से जुड़े अवसरों को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है, लेकिन पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी स्थित दिल्ली हाट की हालत साल दर साल बद से बदतर होती जा रही है। स्टॉलों का किराया ज्यादा होने और खरीदारों की कमी होने के कारण यहां लोगों की आवाजाही बिल्कुल न के बराबर है और वेंडर यहां नहीं आना चाहते। इधर, फूड कोर्ट की 29 दुकानों में से पांच ही खुली हैं। इसके अलावा 11 वेंडर्स ही क्राफ्ट स्टॉल में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

 

भारत की संस्कृति को नहीं दर्शाती

आपको बता दे कि ध्यान देने वाली बात यह है कि इनमें से कोई भी दुकान भारत की परंपरा, संस्कृति, कला, स्वाद को नहीं दर्शाती है। वैसे यह स्थिति हमेशा से नहीं रही थी। पहले कोरोना महामारी और फिर प्रबंधन की नाकामी के चलते आज दिल्ली हाट परिसर में सन्नाटा पसरा है और स्टॉल पर धूल को चादर जमी हुई हैं। विक्रेताओं का कहना है कि आईएनए व दिल्ली पर्यटन विभाग के अधीन आने वाले पीतमपुरा स्थित दिल्ली हाट व अन्य पर्यटन स्थलों को लेकर विभाग काफी सतर्क है, लेकिन जनकपुरी स्थित दिल्ली हाट को लेकर अधिकारियों का सौतेला व्यवहार देखने को मिल रहा है।

 

समस्या क्या है

गौरतलब हैं कि कोरोना महामारी से पहले यहां आम महोत्सव, महफिल-ए-शरबत, इत्र मेला, बागवानी मेला, तीज मेला आदि का भव्य आयोजन होता था, लेकिन संक्रमण दर कम होने के कारण यहां कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया और हुआ भी तो उसका प्रचार नहीं किया गया। जिससे कोरोना महामारी के बाद लोगों की आवाजाही नहीं बढ़ी। इसके अलावा महामारी में काम प्रभावित होने के बाद भी वेंडरों से 15 हजार रुपये किराया लिया गया। इससे नाराज होकर कई वेंडर हड़ताल पर चले गए और कुछ ने काम छोड़ दिया।