उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में H3N2 इन्फ्लुएंजा के मामलों में वृद्धि और दिल्ली में कोरोना मामलों के फिर से बढ़ने पर चिंता व्यक्त की है। उपराज्यपाल की अध्यक्षता में शनिवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की 38वीं बैठक में मास्क को फिलहाल अनिवार्य नहीं करने का फैसला किया गया हैं। इस बैठक के दौरान रेस्क्यू पार्टियों पर जोर दिया गया, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई और अस्पतालों की तैयारी और संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
मॉक ड्रिल की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। DDMA की इस बैठक के दौरान तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंपों के मद्देनजर राजधानी के हालात और तैयारियों पर भी चर्चा हुई। बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मंत्री कैलाश गहलोत, MCD, NDMC, एनआईडीएम, राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान संस्थान और सभी डीएम के शीर्ष प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
एलजी ने भूकंप से निपटने पर जोर दिया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उपराज्यपाल ने भूकंप के खतरे और इससे निपटने की तैयारियों पर चर्चा करीम एलजी ने सीएम अरविंद केजरीवाल और DDMA के अधिकारियों से बातचीत करी। एलजी ने किसी भी स्थिति में आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी करने पर जोर दिया। एलजी ने सालों पहले आए गुजरात में भूकंप के दौरान के अपने अनुभव को याद करते हुए कहा कि दिल्ली को किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है और इसकी तैयारी आज से ही शुरू कर देनी चाहिए। एलजी ने आगे कहा कि तैयारी किसी भी आपदा के प्रभाव को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है, इसके लिए कई स्तरों पर रणनीति पर काम करने की जरूरत है।
इमारतों को भूकंपरोधी बनाए: एलजी
उपराज्यपाल ने अधिकारियों से किसी भी बड़े खतरे से निपटने के लिए काम की शुरुआत करने के लिए कहा। एलजी ने कहा कि राजधानी में भूकंपरोधी भवन ही बनाए जाएं। इनमें से पुरानी दिल्ली के सभी स्कूलों, अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों, अन्य महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों और जर्जर भवनों की मरम्मत की जाए। भूकंप के मामले में बचाव कार्यों के लिए दिल्ली में खुली जगहों की पहचान करने और आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस, फायर टेंडर और बचाव दल तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए संकरी गलियों को चौड़ा करने का आह्वान किया।