Delhi News: दिल्ली में बाइक टैक्सी बंद होने पर टैक्सी चालक का फूटा दर्द, बोले इस उम्र में काम नहीं मिल रहा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी भीड़ भरी मेट्रो और ऊंचे कैब किराए के बीच फंसा हुआ था। तभी उन्हें राहत की सांस लेने का मौका मिला जब बाइक टैक्सी का विकल्प सामने आया। घर और ऑफिस के बीच दौड़ लगाने वाले आम आदमी के लिए बाइक टैक्सी किसी संजीवनी से कम नहीं थी, क्योंकि इसके जरिए ट्रैफिक में फंसने की कम से कम गुंजाइश थी। इसके साथ ही किराया प्राइवेट कैब के मुकाबले काफी कम और सस्ता था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों में इसकी डिमांड दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इन्हीं के बीच अचानक बाइक टैक्सी को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत बाइक टैक्सी को अवैध घोषित कर दिया। इसके बाद हाल ही में दिल्ली में भी दिल्ली सरकार ने बाइक टैक्सी पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश जारी किया है।

 

राष्ट्रीय राजधानी में एक लाख से ज्यादा बाइक टैक्सी सवार

अगर दिल्ली की ही बात करें तो यहां एक लाख से ज्यादा बाइक टैक्सी सवार हैं। बाइक टैक्सी की कमाई से उनका जीवन चल रहा था। परंतु अब सबकी कमाई ठप हो गई है। दिल्ली में रहने वाले बाइक टैक्सी सवार नरेंद्र का कहना है कि वह कोरोना काल से पहले पेंटर का काम करता था। कोरोना में उनका काम लगभग ठप हो गया। इसके बाद उन्हें बाइक टैक्सी के बारे में पता चला और वह यह काम करने लगे।

 

इस उम्र में और कोई काम उपलब्ध नहीं है

नरेंद्र बताते हैं,

उनके एक बेटा और एक बेटी है। कोविड में बच्चों की पढ़ाई पर बहुत असर पड़ा। बेटे को 5वीं कक्षा में होना चाहिए था लेकिन अब पहली में है। एक समय पर बच्चों को स्कूल छोड़ना पड़ा क्योंकि वे समय पर फीस का भुगतान नहीं कर सका। भुगतान नहीं हो सका, परंतु बाइक टैक्सी के सहारे जिंदगी थोड़ी बेहतर हो गई। बच्चे भी स्कूल जाने लगे और वह उनके लिए बाइक टैक्सी ड्राइवर का काम करने लगा, परंतु अब इसने फिर से काम करना बंद कर दिया है। कोई और नहीं, इस उम्र में मुझे नौकरी मिली है। अब समझ नहीं आ रहा कि बच्चों की फीस कैसे भरूं। एक बार फिर उनकी पढ़ाई पर संकट आ गया है।