Delhi News: साल 2018 के बाद इस बार की सर्दी रही सबसे कम प्रदूषित, जानिए क्यों?

दिल्ली-एनसीआर में 2018 के बाद इस बार की सर्दी बीते पांच वर्षों में सबसे कम प्रदूषित रही है। वहीं इसके बावजूद भी दिल्ली-एनसीआर के पांच सबसे प्रदूषित शहरों में टॉप पर है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) द्वारा सोमवार को जारी शीतकालीन प्रदूषण पर एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर से जनवरी तक इस सर्दी के दौरान पीएम 2.5 का औसत स्तर 160 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (mgcm) रहा। यह पिछले पांच साल में सबसे कम है और 2018-19 की सर्दी के मुकाबले 17 फीसदी कम रहा है। राजधानी दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुरुग्राम और नोएडा एनसीआर के अन्य शहरों की तुलना में अधिक प्रदूषित थे। इस बार 3 नवंबर 2022 सर्दियों के दौरान राजधानी में सबसे प्रदूषित दिन रहा।

 

इस सर्दी में केवल एक स्मॉग प्रकरण रहा है

बता दें कि इस दिन पीएम 2.5 का स्तर 401 एमजीसीएम था। यह 2019-20 के शीतकालीन शिखर (546 MGGCM) से 26 प्रतिशत कम है। इस सर्दी में स्मॉग का केवल एक प्रकरण था। पता हो कि जब तीन दिनों तक प्रदूषण गंभीर स्तर पर बना रहता है तो इसे स्मॉग एपिसोड कहते हैं। पहली सर्दी में करीब छह से 10 दिनों तक स्मॉग की घटनाएं होती थीं। रिपोर्ट्स के अनुसार इस सर्दी में न सिर्फ पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, बल्कि धुएं की तीव्रता भी कम हुई है।

 

करीब 4.1 टन धुएं ने दिल्ली को प्रभावित किया

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) ने अनुमान लगाया है कि इस सर्दी में करीब 4.1 टन धुएं ने दिल्ली के पीएम 2.5 को प्रभावित किया, जो पिछले साल के 6.4 टन से 37 फीसदी कम है। यह भी 2020-21 के सर्दी के आंकड़े का लगभग आधा है। रिपोर्ट में कहा गया है,

इस सर्दी में, शहर भर में औसत AQI लगभग 10 दिनों में ‘गंभीर’ या बदतर श्रेणी में था, जो पिछली सर्दियों के 24 दिनों और 2018-19 की सर्दियों में 33 दिनों की तुलना में बहुत कम हैं।

 

वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लंबा रास्ता तय करना

बता दें कि नोएडा (17 फीसदी), फरीदाबाद (12 फीसदी) और गुरुग्राम (12 फीसदी) ने भी सुधार दर्ज किया है। लेकिन ग्रेटर नोएडा (-3 फीसदी) में स्थिति और भी खराब थी। सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी के अनुसार, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदूषण में यह कमी आपातकालीन उपायों और मौसम की मेहरबानी दोनों के कारण है। सर्दियों की शुरुआत में बहुत अच्छी बारिश हुई, जिससे दोबारा स्मॉग नहीं बना।