Delhi News: सावधान! दिल्ली है फ्लू की चपेट में, अपने आप को बचाने के लिए ज़रूर पढ़े यह खबर

देश की ताजनगरी दिल्ली इस वक्त फ्लू के कब्जे में है। सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या में लगातार तेज़ी से इज़ाफा हो रहा हैं। करीबन हर घर में कोई न कोई इन्फ्लुएंजा एच3एन2 (Influenza H3N2) वायरस की चपेट में है। मरीजों के मुताबिक बुखार 2 से 4 दिन में उतर जाता है, जबकि खांसी और गले में खराश हफ्तों बनी रहती है। इन सब के बीच, बाजार में कफ सिरप और एंटी-एलर्जी दावों की बिक्री बढ़ गई है। फ्लू के मरीज बढ़ने के साथ ही इनकी बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है। शहर के केमिस्टों के मुताबिक, पिछले 45 दिनों में एंटी-एलर्जिक दवाओं की खरीद में 35 फीसदी और ओवर द काउंटर कफ सिरप की बिक्री में 25 फीसदी का उछाल आया है। वहीं, पिछले सप्ताह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है।

 

आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री में भी बढ़ोतरी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन केमिस्ट एलायंस (आरडीसीए) उत्तर-पश्चिम जोन के अध्यक्ष दिनेश आर्य ने कहा कि फ्लू के मरीज बढ़ने के साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री भी बढ़ी है। कफ सिरप की खरीद में 30 फीसदी का उछाल आया है। वहीं एलोपैथिक व आयुर्वेदिक दवाओं की खरीद का अनुपात 70 व 30 प्रतिशत है। इस H3N2 वायरस से पीड़ित होने के बाद लोग तरह-तरह के कफ सिरप का इस्तेमाल कर रहे हैं। उधर, आरडीसीए साउथ ईस्ट जोन के जिला अध्यक्ष संदीप जैन ने कहा कि यहां सूखी खांसी और एलर्जी के मरीज बढ़ गए हैं। इसमें 75 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि मरीज जो दवाएं बिना डॉक्टर की सलाह के खरीद रहे हैं उनमें लोजेंज, हर्बल सिरप और प्राकृतिक दवाएं शामिल हैं।

 

एंटीबायोटिक्स मेडिसिन मदद नहीं कर रहे हैं

बताते चले, डॉक्टरों के कहा कि इन्फ्लुएंजा एच3एन2 वायरस सबसे पहले गले पर हमला करता है। इसके बाद रोगी को गले में खराश जैसा महसूस होता है। इतना ही नहीं इस वायरस के कारण मरीज को अस्थमा, सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। हवा में घुले जहर और एलर्जी के कारण रोगी के अंदर काफी देर तक कफ बना रहता है। डॉक्टरों ने आगे बताया कि एंटी एलर्जिक दवाओं और इनहेलर्स का इस्तेमाल बेहतर इलाज हो सकता है। हालांकि, डॉक्टरों ने यह भी कहा कि एंटीबायोटिक्स के ज्यादा इस्तेमाल से कुछ खास फायदा नहीं होगा।