क्या आप भी दिल्ली-नोएडा या एनसीआर के किसी और कोने में रहते हैं तो आपने भी जेवर एयरपोर्ट का नाम जरूर सुना होगा। इसका जिक्र पिछले दिनों यूपी बजट पेश करने के दौरान भी किया गया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है। सितंबर 2024 तक काम पूरा करने के लिए राज्य सरकार समेत तमाम एजेंसियां मिलकर तेजी से काम कर रही हैं। लगभग 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नोएडा एयरपोर्ट के साथ-साथ कई अन्य सड़कों का भी निर्माण किया जा रहा है। जी हां, अब दिल्ली एयरपोर्ट (IGI) या मुंबई रूट से आने वालों के लिए जेवर पहुंचना आसान होने वाला है।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने का काम शुरू हो गया है
बता दे कि नोएडा एयरपोर्ट को यमुना एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। इसके लिए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने का काम शुरू हो गया है। कंस्ट्रक्शन कंपनी ने दो जगहों पर मिक्सर प्लांट भी लगाए हैं। भूमि की जांच के साथ ही खेतों को समतल किया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे हरियाणा के 15 गांवों और यूपी के पांच गांवों से होकर गुजरेगा। 31 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बारे में ज्यादा जानने से पहले यह समझना जरूरी है कि इसमें ‘ग्रीनफील्ड’ क्या है।
ग्रीनफील्ड क्या है
एक्सप्रेसवे की बात करें तो हाईवे और एक्सप्रेसवे में अंतर जान लें। कई मार्ग राजमार्ग से जुड़ते या शाखा बनते हैं। वहीं एक्सप्रेस-वे तक पहुंचने का रास्ता काफी छोटा है। इसका मतलब यह है कि अगर आपको एक्सप्रेस-वे पर जाना है तो इसका एक तय रूट होगा और उसी के जरिए आप पहुंच सकते है। ग्रीन फील्ड थोड़ा अलग है। यह एक ऐसी परियोजना है जो आबादी से दूर कृषि या खाली भूमि से गुजरती है। इससे दूरी कम होती है, जमीन भी आसानी से मिल जाती है और सड़क जल्दी बन जाती है। नाम के अनुसार ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को ग्रीन कॉरिडोर भी कहा जा सकता है। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को ऐसी जगह से निकाला जाता है जहां पहले सड़क नहीं थी। वहीं, दूसरा नाम ब्राउनफील्ड एक्सप्रेसवे के नाम से आता है, जिसमें मौजूदा सड़क को ही चौड़ा या विकसित किया जा रहा है।