Rapid Rail Corridor: दिल्ली से हरियाणा और हरियाणा से अलवर जानिए कहां कहां से गुजरेगी रैपिड ट्रेन

मेट्रो के बाद दिल्ली के लोगों को एक और लाइफलाइन मिलने जा रही है। ये है लाइफलाइन, रैपिड ट्रेन। अप्रैल में दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर साहिबाबाद से दुहाई के बीच रैपिड ट्रेन चलने जा रही है। दूसरी ओर दिल्ली से गुरुग्राम और हरियाणा से राजस्थान (अलवर) के बीच रैपिड ट्रेन का काम जोर पकड़ने जा रहा है। बता दें, डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड ने नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप के लिए शहरी कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए 107 किलोमीटर लंबे दिल्ली-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराना-बेहरोर) कॉरिडोर को शॉर्टलिस्ट किया है। यह कॉरिडोर पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत तैयार किया जाएगा। यह कॉरिडोर एयरपोर्ट, गुरुग्राम, मानेसर और धारूहेड़ा को जोड़ेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 37,987 करोड़ रुपये है।

 

तीन चरणों में काम पूरा होगा

बता दें, प्रथम चरण में दिल्ली से गुरुग्राम, दूसरे में गुरुग्राम से एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़) और तीसरे चरण में एसएनबी से अलवर तक रैपिड ट्रेन लाइन बिछाई जाएगी। पहला चरण 106 किमी, दूसरा 35 किमी और चौथा 58 किमी लंबा है। इस दौरान कुल 22 स्टेशन बनाए जाएंगे। इस लाइन से रोजाना करीब 8.5 लाख लोगों को फायदा होगा। इस कॉरिडोर को दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। गलियारों के बीच के अवरोध भी हटा दिए गए हैं। एनसीआर परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस कॉरिडोर पर आरआरटीएस स्टेशन के यात्रियों के लिए मल्टी मोडल इंटीग्रेशन सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें सराय काले खां स्टेशन पर मेट्रो रेल, रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी के साथ एकीकरण भी शामिल होगा।

 

कहां-कहां बनेंगे स्टेशन

इस कॉरिडोर की मेन लाइन पर 18 स्टेशन और इससे निकलने वाली एक मिनी लाइन पर 4 स्टेशन बनेंगे। मुख्य लाइन पर निजामुद्दीन/सराय काले खां, आईएनए, मुनिरका, एयरोसिटी, उद्योग विहार, गुरुग्राम सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारुहेड़ा डिपो, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बावल, एसएनबी, खैरताल और अलवर पर स्टेशन बनने का अनुमान है। उधर छोटी लाइन के स्टेशन शाहजहांपुर, नीमराणा, बहरोड़, सोतानला होंगे।

 

35 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड होगा

बताते चले, 107 किमी लंबे दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर में से 35 किमी भूमिगत होगा और इसमें पांच स्टेशन होंगे। बचे 71 किलोमीटर ऊंचा होगा और इसमें 11 स्टेशन होंगे। यह कॉरिडोर दिल्ली में सराय काले खां से शुरू होगा और अन्य दो आरआरटीएस कॉरिडोर के साथ इंटरऑपरेबल होगा, जिसमें यात्रियों को एक कॉरिडोर से दूसरे कॉरिडोर में जाने के लिए ट्रेन बदलने की आवश्यकता नहीं होगी।