राष्ट्रीय राजधानी की दिल्ली सरकार ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) द्वारा संचालित 100 से अधिक फीडर ई-बसों को लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब दिल्ली सरकार इन बसों का संचालन करेगी। ये बसें रूट रेशनलाइजेशन स्कीम के तहत चिन्हित 53 फीडर रूटों पर चलाई जाएंगी। क्योंकि, ये छोटे आकार की बसें हैं, इसलिए इनका उपयोग विभिन्न गांवों और अन्य आवासीय क्षेत्रों के बीच निकटतम प्राथमिक मार्गों और मेट्रो स्टेशनों से संपर्क बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इन रूटों पर 7 से 15 मिनट के अंतराल पर बसें उपलब्ध रहेंगी।
DMRC 100 इलेक्ट्रिक फीडर बसें चलाएगी
बता दे, दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया कि डीएमआरसी (DMRC) फिलहाल करीब 100 इलेक्ट्रिक फीडर बसें चला रही है, जिनके टेकओवर की प्रक्रिया अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद दिल्ली सरकार इन बसों का संचालन करेगी। हालांकि, सूत्रों से पता चला है कि इन फीडर बसों को डीटीसी द्वारा नहीं चलाया जाएगा, बल्कि क्लस्टर बसों की तरह ही दिल्ली सरकार की कंपनी डीआईएमएस (DIMS) द्वारा संचालित और रखरखाव किया जाएगा। डीआईएमटीएस इन बसों का संचालन एक निजी कंपनी के माध्यम से करेगी।
सरकार इन रूट के लिए 380 नए बसें खरीद रही हैं
बता दे, दिल्ली सरकार पहले ही ऐलान कर चुकी है कि फीडर रूट के लिए सिर्फ 100 बसें काफी नहीं हैं। इसको मद्देनजर रखते हुए सरकार इन रूटों के लिए 380 नई बसें भी खरीद रही है। इसके लिए टेंडर भी जारी किए जा चुके हैं। सरकार इस साल के अंत तक इन सभी बसों को सड़कों से हटाने की कोशिश कर रही है। पिछले साल दिसंबर में दिल्ली सरकार ने मेट्रो फीडर बसों का संचालन अपने हाथ में लेने की घोषणा की थी।
इन बसों को चलाने के लिए सरकार डीएमआरसी के माध्यम से वेलकम, कोहाट एन्क्लेव, रिठाला, नांगलोई, मुंडका और द्वारका में बस डिपो भी बना रही है। क्लस्टर बसों की तरह फीडर बसें भी प्रति किलोमीटर के हिसाब से चलेंगी और तय की गई दूरी के हिसाब से संचालकों को भुगतान किया जाएगा। फीडर रूट पर चलने वाली सभी बसें छोटे आकार की इलेक्ट्रिक फीडर बसें होंगी।