देश की ताजनगरी दिल्ली-एनसीआर में सबसे किफायती विकल्प के रूप में उभर रहे बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश के बाद से लोग काफी परेशानी में हैं। हालांकि सोमवार को बाइक टैक्सी लेने में लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। जनता ने बताया है कि जहां ऑटो, बस और मेट्रो नहीं जाती वहां बाइक टैक्सी सर्विस दी जाती है।
कोरोना काल में कई कंपनियों, संस्थानों की बसें बंद होने के बाद खासकर दिल्ली से एनसीआर जाने के लिए बाइक टैक्सी का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। दिल्ली-एनसीआर के बीच ऑटो सर्विस बहुत कम है। यहां तक कि ऑटो वाले भी आपको घर तक छोड़ने से बचते हैं। ऑटो से कम जाम में बाइक टैक्सी भी फंसती हैं। कैब बहुत महंगी हैं। ऐसे में कॉलेज स्टूडेंट्स, जॉब कर रहे कई लोग इससे बचते हैं। जबकि सभी जगहों पर बस सेवा नहीं पहुंच पाती है। वहीं, द्वारका, नोएडा, गाजियाबाद के सभी हिस्सों में मेट्रो की सुविधा नहीं है। यही वजह है कि लोग बाइक टैक्सी को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
बाइक टैक्सी को क्यों पसंद किया जा रहा है
बता दे, द्वारका सेक्टर-8 निवासी आर्यन गुरुग्राम सेक्टर-23 स्थित एक यूनिवर्सिटी का छात्र है। आर्यन ने कहा कि जब उन्होंने एडमिशन लिया तो उन्हें बताया गया कि कोविड से पहले बस चलती थी। कोरोना खत्म होने के बाद द्वारका से संस्थान के लिए बस चलेगी, परंतु दो वर्ष पूरे होने को हैं, बस सेवा शुरू नहीं हुई है।
कॉलेज मेट्रो स्टेशन से भी दूर है। ऐसे में वह 150 रुपए में बाइक टैक्सी से द्वारका से अपने कॉलेज पहुंच जाते हैं। जिससे समय की बचत भी होती है और मेट्रो की भीड़ का सामना भी नहीं करना पड़ता है। इसी तरह द्वारका से कापसहेड़ा जाने वाली मधुमिता शर्मा भी सुबह-शाम बाइक टैक्सी से आती हैं। द्वारका से कापसहेड़ा तक उनका किराया लगभग 100 रुपये आता है। लोगों के मुताबिक बाइक टैक्सी का खर्चा भी कम आता है और समय की भी बचत होती है।
कैसे चलती हैं?
बाइक टैक्सी चलाने वालो ने बताया कि इसके लिए कई ऐप हैं। इनका रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपको बताना होगा कि आप अपनी बाइक से किस रूट पर जा रहे हैं। इसके बाद जो यूजर आपके साथ उस रूट पर जाना चाहता है, वह आपको रिक्वेस्ट भेजेगा। यदि दोनों मार्ग समान हैं, तो आप इसे ऐप द्वारा निर्धारित किराए पर स्टॉप पर छोड़ सकते हैं। इसमें ऐप कुछ प्रतिशत कमीशन लेता है। लोग अपना पेट्रोल खर्च बचाने के लिए इस तरह के ऐप से जुड़ रहे हैं।