Delhi News: आखिर क्यों न हो पा रहे मेयर चुनाव?, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला

देश की राजधानी दिल्ली में मेयर चुनाव को लेकर जारी खींचतान के बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मनोनीत सदस्यों को महापौर चुनाव के दौरान मतदान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि 24 घंटे के अंदर निगम की पहली बैठक की सूचना जारी की जाए। आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा कि निगम की पहली बैठक में ही मेयर का चुनाव कर लिया जाए। मेयर के चुनाव के बाद मेयर की अध्यक्षता में डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव किया जाता है। आम आदमी पार्टी ने कोर्ट के इस आदेश को अपनी जीत करार दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा, सुप्रीम कोर्ट का आदेश लोकतंत्र की जीत है।

 

क्या रहे दिल्ली एमसीडी चुनाव के नतीजे?

दिल्ली MCD चुनाव 4 दिसंबर को हुए थे और वोटों की गिनती 7 दिसंबर को हुई थी। आम आदमी पार्टी चुनावों में स्पष्ट विजेता के रूप में उभरी, उसने 134 वार्ड जीते और नगर निकाय में भाजपा के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया। दूसरे स्थान पर रही बीजेपी ने 104 वार्ड जीते, जबकि कांग्रेस ने 250 सदस्यीय नगरपालिका सदन में नौ सीटें जीतीं।

 

पहली बैठक में मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण पर हंगामा

बता दें, चुनाव परिणाम के लगभग एक महीने बाद 6 जनवरी को सदन की बैठक हुई थी। इस दिन नवनिर्वाचित और मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाने के साथ ही मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की भी योजना थी, परंतु ऐसा कुछ नहीं हो सका। मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण को लेकर बैठक में जमकर हंगामा हुआ। इससे बैठक में कोई काम नहीं हो सका।

 

दूसरी बैठक में पार्षदों ने शपथ ली, परंतु मेयर का चुनाव नहीं हो सका

पहली बैठक स्थगित होने के बाद नौ जनवरी को मेयर के चुनाव की तारीख तय हुई थी, किंतु इस बार भी सदन में हंगामा हुआ और चुनाव टाल दिया गया। दूसरी बार बुलाई गई बैठक में एमसीडी पार्षदों के नामांकन को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जारी खींचतान जारी रही। हालांकि इस दिन नगर निगम भवन में पार्षदों को शपथ दिलाई गई। आप पार्षदों के विरोध के बावजूद पहले मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाई गई।