किडनी फेलियर से जूझ रहे दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। सफदरजंग अस्पताल में डिमोलिशन यूनिट शुरू की गई। इससे किडनी फेलियर के मरीजों को काफी फायदा होगा और उनकी बीमारी में सुधार होगा। यह उन्नत मॉनिटर और कम्प्यूटरीकृत सिस्टम से लैस एक इकाई है। इसमें डबल आरओ है, जिससे डायलिसिस में अल्ट्रा प्योर वॉटर का इस्तेमाल होगा, इंफेक्शन का खतरा न के बराबर रहेगा। डॉक्टर का कहना है कि पानी जितना अच्छा होगा, डायलिसिस का नतीजा उतना ही अच्छा होगा। इससे मरीजों की जिंदगी भी बेहतर हो सकती है।
गरीब मरीजों के लिए वरदान की तरह
बता दे, अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. हिमांशु वर्मा ने कहा कि यह आम गरीब मरीजों के लिए वरदान की तरह है। इससे डायलिसिस में काफी हद तक सुधार होगा, उन्होंने कहा कि हेमोडायफिल्टरेशन के लिए दो मशीनें मंगवाई गई हैं। अस्पताल में पहले से ही 10 सामान्य डायलिसिस मशीनें थीं। रोजाना 20 से 25 मरीजों का डायलिसिस होता है, उन्होंने कहा कि एक मरीज के डायलिसिस में 4 घंटे और करीब 140 लीटर पानी लगता है, उन्होंने कहा कि पहले डायलिसिस सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक किया जाता था, अब इसका समय बढ़ा दिया गया है। अब यह सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक होगा।
अब रात में भी डायलिसिस मिल सकेगा मरीजों को
अपनी बात जारी रखते हुए डॉ. हिमांशु ने कहा कि हम आने वाले समय में इमरजेंसी डायलिसिस शुरू करने की योजना बना रहे हैं, ताकि अगर कोई मरीज रात में आए तो वह उसी समय डायलिसिस करा सके, परंतु इसमें और समय लगेगा, पहले न्यूरोलॉजी की ओपीडी अस्पताल में सप्ताह में केवल दो दिन होती थी, अब इसकी संख्या बढ़ाकर सप्ताह में छह दिन कर दी गई है। सामान्य ओपीडी की तरह अब नेफ्रोलॉजी की ओपीडी भी सभी कार्य दिवसों में उपलब्ध है। मरीजों का हित सर्वोपरि है, इसलिए अस्पताल हमेशा सुविधाओं में सुधार पर जोर देता है। इसके चलते यहां मरीजों को ऐसी आधुनिक सुविधाएं मुफ्त में मुहैया कराई जाती हैं।