Delhi News: आखिर क्यों दिल्ली के घर खरीदना नहीं है आसान, देनी पड़ती है इतनी मोटी कीमत प्रॉपर्टी खरीदने के लिए

अपना घर खरीदने का सपना हर किसी मनुष्य का होता है वही भारत में तो आम बात है कि सभी की यही लालसा होती है कि अपना घर हो, परंतु इस वर्ष लोगों की पहुंच से अपना घर बाहर होता दिख रहा है। इसका कारण है कि हम बढ़ते ब्याज दरों और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों से आई महंगाई के दबावों के माहौल में आगे बढ़ रहे हैं। इसका मुख्य कारण है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का लगातार रेपो दरों में बदलाव करना। इससे बैंकों से मिलने वाला आवास ऋण महंगा हो रहा है और कोराेना काल के बाद बाजार के तेज़ी पकड़ने से प्रॉपर्टीज भी महंगी हुई हैं। वहीं दूसरी तरफ घटती आमदनी की वजह से भी ‘अपना घर’ लेने का सपना लोगों की पहुंच से दूर हो रहा है।

 

घर के निर्माण में लागत ज्यादा

प्राप्त जानकारियों के मुताबिक इस विषय में हाल ही में प्रॉपर्टी कंसल्टेंट कंपनी जोन्स लैंग लासेल (JLL), इंडिया ने होम पर्चेज अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स पेश किया। इंडेक्स के अंतर्गत इस बात की पड़ताल की गई है कि आम परिवार की आमदनी (औसत वार्षिक आय) वर्तमान बाजार को कीमतों पर आवासीय संपत्ति खरीदने के लायक है या नहीं? मतलब की प्रॉपर्टी खरीदना सस्ता है या नहीं? इस सर्वे के अनुसार 2022 में लोगों की घर खरीदने की क्षमता में थोड़ी कमी आई है, क्योंकि घर निर्माण सामग्री में महंगाई की वजह से निर्माण लागत बढ़ी है। इससे खरीदारी बहुत प्रभावित हुई है।

 

2013-2021 रहा था प्रॉपर्टी खरीदने के लिए बेस्ट

गौरतलब है कि 2013 और 2021 के बीच सभी भारत के सभी राज्यों और शहरों में घर खरीदने की क्षमता में लगातार बढ़ोतरी हुई थी। अर्थात् घर खरीदने के लिए यह वर्ष काफी अच्छा था। वर्ष 2022 में कुछ ही शहर ऐसे हैं जहां आम आदमी के लिए घर खरीदना अब भी थोड़ा किफायती है, हालांकि बीते सालों की तुलना में वहां भी यह महंगा है।

लगातार दो साल से कोलकाता किफायती घर खरीदने के लिहाज में सूची के सबसे शीर्ष पर है।

राजधानी क्षेत्र दिल्ली एनसीआर में घर खरीदना आसान नहीं रहा है।

घर खरीदने के लिए रेपो रेट, आवास ऋण, महंगाई और प्रति व्यक्ति आय आदि फैक्टर निर्णायक साबित होते हैं।

बदलते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए साल 2023 में भी घर खरीदना आसान नहीं होने वाला है।