Delhi MCD Election: क्या मुफ़्त सेवाएं देने के चलते AAP चुनाव जीती?

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनावों के लिए मतदान 4 दिसंबर 2022 को हुआ था। वहीं 7 दिसंबर 2022 बुधवार को मतगणना की प्रक्रिया पूरी हो गई है। शुरुआती रूझानों में कभी बीजेपी (BJP) तो कभी आम आदमी पार्टी (AAP) आगे चल रही थी। इस बार मैदान में कुल 1,349 उम्मीदवार थे। दिल्ली नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) ने बाजी मार ली है।आम आदमी पार्टी (AAP) ने बहुमत हासिल कर लिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने 134 सीटें जीतकर बहुमत पाकर यह चुनाव भी जीत लिया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 104 सीटें हासिल की हैं। कांग्रेस (Congress) ने नौ सीटों पर जीत हासिल कर ली है और वहीं तीन सीटों पर।निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर ली हैं। जीत के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, “आज हम दिल्ली में चौथा चुनाव जीते हैं, काम की राजनीति पर हमने पूरा चुनाव मुद्दों पर लड़ा, दिल्ली की जनता ने संदेश दिया है’। पॉजिटिव राजनीति करो, निगेटिव नहीं।”

 

मुफ्त की चीज़ें देने के चलते AAP जीती?

वहीं अब AAP की जीत के बाद मुद्दा यह चल रहा है कि के आम आदमी पार्टी ने यह चुनवा फ्री की चीजों का लालच देने पर जीता हैं? यह बहुत बड़ा बहस का मुद्दा है।दिल्ली की सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकारदिल्ली में लोगों को हर महीने 20 हज़ार लीटर पानी मुफ्त देती है और 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त देती है। वहीं अगर कोई परिवार एक महीने में इससे ज्यादा बिजली का उपयोग करता है यानी की यूनिट्स (Units) इस्तेमाल करता है तो उसे सरकार के द्वारा सब्सिडी (subsidy) प्रदान की जाती है।सरकारी बसों में महिलाओं के लिए टिकट पुरी तरह से मुफ्त है। 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को मुफ्त तीर्थ यात्रा कराई जाती है। तो सवाल यह बनता है कि क्या दिल्ली को जनता मुफ़्त चीज़ों के पीछे पड़ी हैं?

 

आप के लिए होगी यह चुनौतियां

आम आदमी पार्टी एमसीडी की सत्ता संभालेगी, लेकिन इनके जितने के बाद सत्ता चलाना बहुत मुश्किल होगा। एमसीडी की जितनी आमदनी है उससे कई ज्यादा तो उसके खर्चे हैं। नए विकास कार्यों के लिए एमसीडी के पास पैसे नहीं है इसलिए अभी 4 वर्षो में कोई भी बड़ा प्रोजेक्ट नहीं आया है। एमसीडी की सालाना आमदनी करीब 4800 करोड़ रुपये है। इसमें 2800 करोड़ की आय एमसीडी को अपने इंटरनल स्रोतों से होती है जिसमें प्रॉपर्टी टैक्स, विज्ञापन, पार्किंग शुल्क, टोल टैक्स व अन्य तरह की आमदनी है।