आखिर क्यों है पार्टियों के लिए MCD चुनाव जरूरी, क्यों हर पार्टी जितना चाहती है चुनाव

देश की राजधानी दिल्ली में नगर निगम (MCD) के एकीकरण के बाद वार्डों के परिसीमन की प्रकिया और आरक्षित करने का कार्य भी पूरा हो चुका है। वहीं कल 4 नवंबर 2022 को दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 की तारीख का ऐलान कर दिया है। शुक्रवार को हुई पत्रकार वार्ता में दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग के मुखिया विजय सिंह ने बताया कि 4 दिसंबर को मतदान होगा और 7 दिसंबर को परिणाम आएगा। इसी के सांग दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनावी शंखनाद के बाद की तीनों प्रमुख दल बीजेपी, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस ने अपने-अपने चुनावों में उतारने वाले योद्धाओं की तलाश जारी कर दी है।

एमसीडी (MCD) क्यों जरुरी

एमसीडी (MCD) का चुनाव बहुत अहम होता है। सारी पार्टियां इस पर कब्जा जमाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं। हजारों करोड़ रुपये के बजट वाले एमसीडी (MCD) के पास कई सारी शक्तियां होती हैं, जिसपर हर पार्टी कब्जा करना चाहती है। एमसीडी (MCD) के पास कई तरह के कार्य क्षेत्र और अधिकार होते हैं। जिसमें राज्यों में हॉस्पिटल, डिस्पेंसरीज, पानी की सप्लाई करना, ड्रेनेज सिस्टम की देखभाल और बाजारों की देखरेख करना। इसके साथ-साथ पार्कों का निर्माण करना और उसकी देखभाल भी करना। सड़क और ओवर ब्रिज का निर्माण और मेंटेनेंस करना। कचरे को सांफ करना। स्ट्रीट लाइट, प्राइमरी स्कूल, प्रॉपर्टी और प्रोफेशनल टैक्स कलेक्शन, टोल टैक्स कलेक्शन सिस्टम, शमशान और जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जैसे बेहद अहम काम एमसीडी (MCD) के जरिए किए जाते हैं।

वार्ड का किया गया एकीकरण

दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने रिटर्निंग ऑफिसर भी नियुक्त कर दिए हैं। उन्होंने वार्ड (ward) स्तर पर मतदान केंद्र (polling booth) बनाकर उन पर राजनीतिक पार्टियों तक तथा आम जनता से विचार विमर्श किया और सुझाव भी लिए है,वहीं राज्य चुनाव आयोग ने ईवीएम (EVM) को पहले ही लगा दिया था। गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में दिल्ली के 250 वार्डों पर चुनाव होगा। इससे पहले दिल्ली नगर निगम तीन भागों में विभाजित था और कुल 272 वार्ड थे। हालांकि नए परिसीमन करने के बाद वार्डों की संख्या घटाकर 272 से 250 कर दी गई है।