दिल्ली की ट्रैफिक पुलिस ने भारत के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के आदेश के बाद से कार में पीछे वाली सीट पर सीट बेल्ट न लगाने वालों यात्रियों पर भी चालान लगाना शुरु कर दिया है।
लेकिन अब दिल्ली की ट्रैफिक पुलिस सीट बेल्ट के साथ ही काले शीशों वाले वाहनों पर भी चालान लगाएगी।दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक इस साल दिल्ली में काले शीशों वाले वाहनों पर एक जनवरी से 31 अगस्त तक 3,533 चालान किए गए हैं। वहीं साल 2020 में 5526 और साल 2021 में 5,926 चालान किए गए थे।
ट्रैफिक पुलिस के आयुक्त एसएस यादव ने बताया कि अब वह वाहनों के शीशे में लगी काली फिल्म के खिलाफ अभियान चला रही है। इस अभियान को महिलाओं की सुरक्षा और नाबालिग चालकों को देखते हुए तेज किया जा रहा है।
इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कार के शीशों में काली फिल्म के उपयोग के लिए नियम बनाए गए हैं। जिसमें नियमो के अनुसार विंडस्क्रीन और रियर विंडो ग्लास की पारदर्शिता कम से कम 70 प्रतिशत होनी चाहिए। जबकि साइड विंडो के ग्लास की पारदर्शिता कम से कम 50 प्रतिशत होनी चाहिए।
अगर बताएं गए मानकों के अनुसार अगर पारदर्शिता इससे कम होती है तो उन कार चालकों पर कार्रवाई की जाएगी। साल 2012 में निर्भया जैसी घटना होने के बाद से सुप्रीम कोर्ट ने वाहनों के शीशों पर काली फिल्म लगाने पर प्रतिबंध लगाया था। जिसके लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस इस पर समय-समय पर अभियान चलाती रहतीं हैं।
इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वाहनों के शीशों पर काली फिल्म लगाने पर पहली बार मे 500 रुपये का जुर्माना होगा। लेकिन इसके बाद का यदि वह व्यक्ति फिर से वही व्यक्ति गलती करते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ तीन गुना ज्यादा जुर्माना लगेगा।
इसके लिए ट्रैफिक पुलिस कैमरों का भी सहारा ले रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली की सड़कों पर 75 फीसदी चालान कैमरों द्वारा किये जा रहे हैं,66 जगहों पर 125 कैमरे लगे हैं।
रोजाना औसतन 15 हजार से अधिक चालान कैमरों द्वारा किए जाते हैं।जबकि पुलिसकर्मी केवल चार हजार चालान ही एक दिन में करते हैं।