Delhi News: अगर आपको भी देखने है दुर्लभ डाक टिकट, तो अभी जाए प्रगति मैदान में

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में डाक टिकटों के महाकुंभ का आयोजन किया गया है। यहां आपको देश के दुर्लभ डाक टिकट देखने को मिलते हैं। 1818 में मद्रास सिटी से लंदन भेजे गए पत्र, 1834 में कलकत्ता राउंड पोस्ट ऑफिस से भेजे गए पत्र और 18वीं-19वीं सदी की शुरुआत में देश के एक शहर से दूसरे शहर भेजे गए अनगिनत पत्र हैं। प्रदर्शनी में डाक टिकटों के 1400 फ्रेम और एक लाख से अधिक डाक टिकट प्रदर्शित किए गए हैं। संचार मंत्रालय और भारतीय डाक द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का नाम अमृतपेक्स-2023 रखा गया है। इसे रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को लॉन्च किया। प्रदर्शनी 15 फरवरी तक सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक चलेगी।

 

डाक टिकटों को लोगों ने खूब सराहा

बता दें कि, प्रगति मैदान के नए हॉल पांच में आयोजित प्रदर्शनी के पहले दिन सैकड़ों लोगों ने दुर्लभ भारतीय डाक टिकटों को देखा। भारत के इतिहास, संस्कृति और कला को दर्शाने वाले डाक टिकटों को लोगों ने खूब सराहा। यहां महात्मा गांधी, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रामायण, बुद्ध, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, तितलियां, फूल, ऐतिहासिक इमारतें, रेलवे स्टेशन आदि पर जारी डाक टिकटों का संग्रह देखा जा सकता है। मेले में डाक टिकटों का डिजिटल अनुभव भी लिया जा सकता है। डाक टिकटों पर कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं। नए डाक टिकट भी जारी किए जा रहे हैं।

 

संसद संग्रहालय में एक दुर्लभ संग्रह है

आपको बताते चले कि भारतीय संसद संग्रहालय के दुर्लभ संग्रह भी यहां देखे जा सकते हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डाक टिकट भी उपलब्ध होंगे। 1989 में भारत में और 1980 में जर्मनी में आयोजित अंतर-संसदीय संघ की बैठक के लिए जारी किए गए कागज पर टिकट यहां उपलब्ध हैं। देश के गणतंत्र के 50 वर्ष पूरे होने पर जारी डाक टिकट, भारतीय संविधान सभा की पहली बैठक पर जारी डाक टिकट प्रदर्शनी में देखे जा सकते हैं।