राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अप्रैल से सराय काले खां (Sarai khale khan) बस स्टैंड से लेकर कश्मीरी गेट बस स्टैंड (Kashmiri Gate ISBT) तक करीब 10-11 किलोमीटर लंबी रिंग रोड पूरी तरह से सिग्नल फ्री हो जाएगी। रिंग रोड को सिग्नल मुक्त बनाने के लिए भैरो मार्ग के रेलवे क्रासिंग पर बन रहे अंडरपास को पूरा करने की समय सीमा अप्रैल तक है। विभिन्न तकनीकी कारणों से अंडरपास निर्माण में देरी हो रही है। पांच लेन चौड़े अंडरपास में से दो लेन का काम पूरा हो चुका है। अभी भी करीबन 28 मीटर थ्री लेन अंडरपास की खुदाई होनी बाकी है।
भैरों मार्ग का उपयोग नहीं होने से मुख्य टनल में लगा जाम
बता दें, लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों के मुताबिक, प्रगति मैदान और उसके आसपास यातायात को आसान बनाने के लिए मथुरा रोड, रिंग रोड और भैरों मार्ग पर अंडरपास और सुरंगें बनाई गईं, परंतु जाम की समस्या खत्म नहीं हुई हैं। नोएडा और पूर्वी दिल्ली जाने वाले लोग भैरों मार्ग का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। इसका एक कारण यह भी है कि लोगों को भैरों मार्ग से नोएडा या पूर्वी दिल्ली जाने के लिए आईपी मेट्रो स्टेशन के पास करीब 700-800 मीटर का यू-टर्न लेना पड़ता है। इसलिए लोग भैरों मार्ग की जगह टनल का इस्तेमाल करते हैं, जिससे जाम की स्थिति पैदा हो रही है।
रेलवे क्रासिंग पर अंडरपास बनने के बाद जाम समाप्त होता है
आपको बता दें कि भैरो मार्ग पर करीब 400 मीटर लंबा फाइव लेन अंडरपास बनाया जा रहा है। आईटीईओ (ITO) से रिंग रोड की ओर आने वाले ट्रैफिक के लिए इसमें दो लेन हैं और नोएडा या पूर्वी दिल्ली से आने वाले ट्रैफिक के लिए तीन लेन हैं। टू लेन अंडरपास का बॉक्स पुशिंग का काम पूरा हो चुका है। थ्री लेन अंडरपास का बॉक्स पुशिंग का काम करीब 28 मीटर बचा है। बॉक्स पुशिंग का काम अप्रैल तक पूरा किया जा सकता है।
अंडरपास निर्माण में तकनीकी दिक्कत
उल्लेखनीय है कि दोनों अंडरपास का मुख्य ढांचा करीब 100 मीटर का है। यमुना अंडरपास से 50-100 मीटर की दूरी पर है। खोदने पर पानी का फव्वारा फूटता है और सुरंग को भर देता है। अंडरपास से पानी निकालने के लिए करीब 150 मोटर पंप लगाए गए हैं। बॉक्स पुशिंग मशीन का वजन करीब 1400 टन है। जब यह मशीन रेलवे ट्रैक के नीचे चलती है तो कंपन के कारण ट्रैक का अलाइनमेंट ऊपर और नीचे होता है। बॉक्स पुशिंग मशीन चलाने के लिए रेलवे ने एजेंसी को रात 1 से 7 बजे तक का समय दिया है।