भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) एक बार फिर इस रहस्य से पर्दा उठाने की तैयारी कर रहा है कि क्या पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ पुराने किले के टीले पर थी। आजादी के बाद यह पांचवां प्रयास है, जब खुदाई शुरू होगी तो मामला सामने आएगा। एएसआई (ASI) ने खुदाई शुरू कर दी है। परियोजना को फिर से वरिष्ठ एएसआई अधिकारी वसंत स्वर्णकार द्वारा लिया गया है।
अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिले
प्राप्त जानकारियों के मुताबिक, पद्म विभूषण से सम्मानित अधिकारी प्रो. बीबी लाल के बाद पुराने किले की दो बार खुदाई करा चुके है। इन दोनों खुदाइयों में बहुत कुछ मिला हैं, लेकिन स्पष्ट रूप से ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है। जिसके आधार पर प्रत्यक्ष पुरातात्विक आधार पर यह दावा किया जा सके कि पुराना किला में इंद्रप्रस्थ पांडवों की राजधानी थी, यह अचंभित करने वाला है कि यह ASI के अधिकारियों को शांति से बैठने नहीं दे रही हैं। एएसआई को उम्मीद है कि यहां इंद्रप्रस्थ से जुड़े कुछ पुख्ता सबूत मिलेंगे। हालांकि, चित्रित मिट्टी के बर्तन चार खुदाई में पाए गए हैं, जो महाभारत के समय के माने जाते हैं। एएसआई (ASI) का कहना है कि इस बार मामले की तह तक जाने की कोशिश की जाएगी।
क्या पुराना किला है दिल्ली की पुरानी सभ्यता?
कहा जाता है कि यह स्थान पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ हो सकता है। जिस स्थान पर पांडवों की राजधानी थी, वर्तमान में उसी टीले पर पुराना किला स्थित है। फिलहाल वसंत कुमार स्वर्णकार का कहना है कि अब तक लोग केवल ब्रिटिश काल और दिल्ली के मुगल काल के इतिहास को ही जानते हैं, लेकिन जिस टीले पर पुराना किला स्थित था, उस टीले पर सबसे पुरानी सभ्यता कौन थी, यह पता लगाने के लिए फिर से खुदाई शुरू हो गई है।
सात फीट की खुदाई करने पर मौर्य काल के साक्ष्य मिले थे
2017-18 में सात फीट की खुदाई के दौरान एएसआई की टीम को मौर्य काल से जुड़ी कई चीजें मिली थीं। चूड़ियाँ, सिक्के, दरांती, फलों और सब्जियों को काटने के लिए छोटा चाकू, टेराकोटा के खिलौने, पकी हुई ईंटें, मनके, टेराकोटा की मूर्तियाँ, मुहरें, जल निकासी के लिए चैनल और अन्य वस्तुएँ मिली हैं। वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि अभी खुदाई का काम शुरू हुआ है, उम्मीद है कि इससे भविष्य के इतिहास के साक्ष्य जरूर मिलेंगे।