What did Delhi get in the budget? बजट के अंदर दिल्ली मेट्रो और अस्पतालों की हुई मौज, RRTS से लेकर मेट्रो को मिलेगी रफ़्तार 

कल यानी की 1 फरवरी को बजट पेश किया गया। इस बजट में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित सात प्राथमिकताओं में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एक है। मेट्रो रेल परियोजना इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो देश के ग्रोथ इंजन को गति दे रही है, जिस पर केंद्र सरकार का बहुत ध्यान है। अभी देश के 18 शहरों में मेट्रो ट्रेन चल रही है और अगले 2 साल में 10 और शहरों में मेट्रो लाने की योजना है।

इसके अलावा रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के लिए आम बजट में 3596 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है, जिससे दिल्ली-एनसीआर की परिवहन व्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। वहीं एम्स को छोड़कर इस बार दिल्ली के बाकी चार अस्पतालों के बजट में केंद्र सरकार ने इजाफा किया है, जबकि एम्स के बजट में कटौती की गई है। आमतौर पर एम्स का बजट हर साल बढ़ता रहा है, लेकिन इस बार केंद्र ने अपने बाकी अस्पतालों पर ज्यादा फोकस किया है।

 

मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 19518 करोड़

बता दे, दिल्ली में मेट्रो के चौथे चरण का काम भी चल रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि मेट्रो रेल परियोजनाओं के बजट में बढ़ोतरी होगी, लेकिन इस मामले में कुछ निराशा ही हाथ लगी। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस बार मेट्रो परियोजनाओं के बजट में महज 2.7 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी केंद्र सरकार के हिस्से में भी हुई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहां केंद्र सरकार ने मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 18998 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, वहीं 2023-24 के लिए 19518 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

वहीं इन में से 4471 करोड़ रुपये इक्विटी निवेश यानी मेट्रो परियोजनाओं में केंद्र सरकार के हिस्से के रूप में दिए जाएंगे। पिछले वर्ष इस मद में 3454.91 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। हालांकि अधीनस्थ कर्ज यानी मेट्रो परियोजनाओं के लिए ऋण और कर क्षतिपूर्ति के लिए केवल 1,324 करोड़ रुपये ही उपलब्ध होंगे, जबकि पिछले साल इस मद में 1,717.80 करोड़ रुपये दिए गए थे। इसी तरह जापानी एजेंसी जायका से लिए गए कर्ज की अदायगी के लिए पास-थ्रू सहायता के रूप में 13723 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि पिछले साल इस मद में 13825.29 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

 

RRTS को 3596 करोड़ मिले

आम बजट में रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के लिए 3596 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किमी है। मेरठ-साहिबाबाद के बीच करीब 17 किलोमीटर का प्रायोरिटी सेक्शन इसी साल से चालू हो जाएगा। इस सेक्शन पर ट्रेनों का ट्रायल रन चल रहा है। NCRTC ने बताया कि कॉरिडोर पर 14000 से अधिक मजदूर और 1100 इंजीनियर दिन-रात काम में लगे हैं।

35% भूमिगत (सुरंग) और 65% एलिवेटेड वायडक्ट के अलावा कॉरिडोर का निर्माण कार्य अब तक पूरा हो चुका है। एनसीआरटीसी ने बजट में उतनी ही राशि का प्रावधान किया है, जितनी सरकार ने प्रोजेक्ट के लिए भेजे गए फंड के लिए मांगी है। हालांकि पिछले साल के बजट में यानी साल 2021 में 4472 करोड़ रुपये और साल 2020 में 2487 करोड़ रुपये दिए गए थे।

 

एम्स का बजट कम करा

एम्स का बजट वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में केंद्र ने एम्स को पिछले साल की तुलना में 55.33 करोड़ रुपये कम आवंटित किए हैं। पिछले साल एम्स को 4190 करोड़ का बजट दिया गया था, जो इस बार घटकर 4134.67 करोड़ हो गया है।

 

दिल्ली के अन्य अस्पतालों की हुई चांदी

  • केंद्र ने इस बार अपनी कोष से आरएमएल के लिए धन में अधिकतम वृद्धि निर्धारित की है। आरएमएल के बजट में 176.38 करोड़ की भारी बढ़ोतरी की गई है। पिछले साल आरएमएल का बजट 1095.80 करोड़ था, जिसे इस बार बढ़ाकर 1272.18 करोड़ कर दिया गया है।
  • इसके बाद सफदरजंग अस्पताल के लिए 138.34 करोड़ की बढ़ोतरी की गई है। पिछले साल इसका बजट 1715 करोड़ था, जिसे इस बार बढ़ाकर 1853.34 करोड़ कर दिया गया है।
  • लेडी हार्डिंग अस्पताल का बजट 58.15 करोड़ बढ़ाया गया है। पिछले साल बजट 710 करोड़ था, जिसे इस साल बढ़ाकर 768.15 करोड़ कर दिया गया है।
  • वहीं कलावती सरन अस्पताल का बजट 19.09 करोड़ बढ़ाया गया है। पिछले साल इसका बजट 149.44 करोड़ रुपए था जो इस बार बढ़कर 168.53 करोड़ रुपए हो गया है।