Delhi News: सर्दियों में हाथ सेकने से बढ़ता है प्रदूषण, बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सीएम केजरीवाल ने दिया नया लॉजिक

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अकसर विवादों में घिरे रहते हैं। वही अब सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में अब प्रदूषण की रियल टाइम मॉनिटरिंग करी जायेगी। ताजनगरी में यह व्यवस्था की गई हैं कि किस जगह से कितना प्रदूषण उत्सर्जन हो रहा हैं। उसी के हिसाब से कदम उठाए जाएंगे। वहीं इसी बीच उन्होंने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह बताते हुए कहा कि सर्दियों की रात में सिक्योरिटी गार्ड और ड्राइवर्स आग जलाकर हाथ तापते हैं। जिससे हवा प्रदूषित होती हैं, उन्होंने बताया कि दिल्ली को प्रदूषित करने में चौथाई और पांचवां हिस्सा इनका होता है।

 

सर्दियों में आग जलाने से प्रदूषण होता हैं

बता दें, सीएम केजरीवाल ने आगे बताया कि रियल टाइम सोर्स शेयर करने से हमें रियल टाइम के साथ-साथ अगले 3 दिनों का प्रति घंटा पूर्वानुमान भी पता चलेगा। किस क्षेत्र में वाहनों से, उद्योगों से और बायोमास के जलने से कितना प्रदूषण है, इससे हमें प्रदूषण से लड़ने में मदद मिलेगी, उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक तिहाई प्रदूषण बाहरी है। 1/4 बायोमास (सर्दियों में आग जलाना) के जलने के कारण होता है। 17-18 प्रतिशत प्रदूषण वाहनों के कारण होता है। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में मोबाइल वैन भेजकर प्रदूषण की जांच की जाएगी।

 

आग से हाथ सेंकने से बढ़ता है प्रदूषण

आगे सीएम केजरीवाल ने कहा,

“एक तिहाई प्रदूषण दिल्ली का बाहरी है। यह तीन महीने से स्थिर है। दूसरे नंबर पर बायोमास बर्निंग है, यह वही है ना जो सिक्यॉरिटी गार्ड रात को अपना आग लगाकर… यह हमने देखा कि सर्दियों में इसकी मात्रा ज्यादा है। रात को जब सिक्यॉरिटी वाला या ड्राइवर या लोग जो अपने थोड़ी आग लगाकर… यह इतनी ज्यादा है दिल्ली के अंदर कि एक चौथाई प्रदूषण दिल्ली में इसकी वजह से होता है। यह सारा धुआं उठता है और चूंकि तापमान कम होता है तो सारा धुआं दिल्ली में गैस के रूप में, गैस चैंबर के रूप में रह जाता है।”

 

निगरानी के लिए मोबाइल वैन लॉन्च कर रहे है

अपनी बात को जारी रखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया,

“मोबाइल वैन एक विशेष स्थान पर जाएगी और एकत्र किए गए आंकड़े का सुपरसाइट पर विश्लेषण किया जाएगा। अभी हम एक मोबाइल वैन लॉन्च कर रहे हैं, परंतु जल्द हम और अधिक मोबाइल वैन लॉन्च करेंगे। वास्तविक समय के प्रदूषण स्रोतों के बारे में जानकारी प्राप्त करने से सरकार अधिक सटीक तरीके से समस्या से निपटने में सक्षम होगी। सरकार को प्रदूषण के पुराने आंकड़ों पर निर्भर रहना पड़ता था।”