राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एम्स (AIIMS) में इलाज करा रहे कैंसर मरीजों को अब घर बैठे सुविधा मिलेगी। एम्स ने प्री-रजिस्टर्ड मरीजों के इलाज के लिए एक ऐप विकसित किया है। पैलिएटिव केयर नाम के ऐप की मदद से पैलिएटिव केयर की सुविधा मिलेगी। ऐप में कैंसर के मरीज घर बैठे लक्षण लिख सकते हैं। इस जानकारी को देखकर डॉक्टर सलाह देंगे।
अब घर बैठकर कराए एम्स में इलाज
इस बारे में एम्स के ओंको एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. प्रोफेसर राकेश गर्ग का कहना है कि कई कैंसर मरीज ऐसी समस्याओं को लेकर अस्पताल में फॉलोअप के लिए आते हैं, जिनसे हम घर बैठे ऐप के जरिए सलाह ले सकते हैं। वहीं अब ऐसे मरीजों को बेवजह अस्पताल आने की जरूरत नहीं होगी। अगर हमें लगता है कि मरीज को अस्पताल बुलाने की जरूरत है तो हम वही समय तय कर सकते हैं और उसे अस्पताल आने को कह सकते हैं। ऐप की मदद से मरीज के फोन पर दवा लेने का मैसेज भी भेजा जाता है, ताकि दवा छूट न जाए और इलाज प्रभावित न हो।
खसरे का टीका कोरोना टीकाकरण की तर्ज पर होगा
दिल्ली को खसरा मुक्त बनाने के लिए छह फरवरी से कोरोना टीकाकरण की तर्ज पर खसरे का टीकाकरण किया जाएगा। इसको लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। चार से छह सप्ताह में पांच साल से कम उम्र के 11 लाख बच्चों को टीके की तीसरी खुराक देने का लक्ष्य है। बच्चों को एमआर (खसरा रूबेला) टीके की तीसरी खुराक देने के लिए करीब 600 स्थायी सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा आंगनबाडी केन्द्रों, धार्मिक स्थलों, आरडब्ल्यूए के सहयोग से कॉलोनी में शिविर लगाकर पांच वर्ष के बच्चों को पूरक आहार दिया जायेगा।
जिलाधिकारी देंगे सहयोग
इस अभियान को सफल बनाने में सभी जिलाधिकारियों का भी सहयोग रहेगा। कोरोना महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को आसानी से टीका लग गया। इसे देखते हुए सभी के सहयोग से दोबारा यह टीकाकरण किया जाएगा। खसरा और रूबेला से बचाव के लिए बच्चों को टीके की दो खुराक दी जाती है। इसके तहत नौ महीने की उम्र में एमआर टीके की एक खुराक दी जाती है। इसके बाद 15 महीने की उम्र में एमएमआर (खसरा कण्ठमाला रूबेला) का टीका लगाया जाता है।