राष्ट्रपति के सरकारी आवास यानी कि राष्ट्रपति भवन के बगीचे को अब अमृत उद्यान के नाम से जाना जाएगा। पहले यह मुगल गार्डन के नाम से मशहूर था, परंतु अब इस गार्डन का नाम बदलने का फैसला किया गया है। राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव नविका गुप्ता ने न्यूज एजेंसी एएनआई (ANI) को बताया कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा हैं। भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन गार्डन को अमृत उद्यान के रूप में एक सामान्य नाम दिया है। हालांकि, दोनों नामों का जिक्र अभी राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट पर देखा जाना बाकी है।
मुगल गार्डन नहीं अमृत उद्यान बोलिए
बता दे, उस वेबसाइट के मुताबिक, अमृत उद्यान अब तक केवल वार्षिक उत्सव, उद्यान उत्सव के दौरान ही जनता के लिए खोला जाता था। जो फरवरी-मार्च के महीने में होता था, परंतु अब यह आम लोगों के लिए अगस्त से मार्च तक खुलेगा। अमृत उद्यान जम्मू और कश्मीर में स्थित मुगल गार्डन, ताजमहल के आसपास के बगीचों और यहां तक कि भारत और फारस के लघु चित्रों से प्रेरणा लेता है।
159 विभिन्न प्रकार के गुलाब
आपकी जानकारी के लिए बता दे, क्रिस्टोफर हसी की ‘द लाइफ ऑफ सर एडविन लुटियंस’ में सर लुटियंस की पत्नी ने इस बगीचे को ‘स्वर्ग’ बताया था। यहां लगाई गई घास को मुगल गार्डन के निर्माण के दौरान कलकत्ता से लाया गया था। सी राजगोपालाचारी आजादी के बाद भारत के पहले गवर्नर जनरल बने थे और उन्होंने वायसराय हाउस को अपना निवास स्थान बनाया। आजादी के बाद देश में अनाज की बहुत कमी हो गई थी। इसी मुगल गार्डन के एक हिस्से में राजगोपालाचारी ने गेहूं की खेती भी कराई थी। यह परंपरा भी कई सालों तक चलती रही।
गुलाब के नाम मशहुर हस्तियों के नाम पर रखे गए
अमृत उद्यान गार्डन में गुलाबों के नाम मशहुर हस्तियों के नाम पर रखे गए हैं। जैसे मदर टेरेसा, राजाराम मोहन राय, अब्राहम लिंकन, जॉन एफ केनेडी, जवाहर, क्वीन एलिजाबेथ, क्रिश्चियन डियोर। गुलाब के अलावा ट्यूलिप, एशियेटिक लिलि, डेफोडिल, दूसरे फूल के भी कई पौधे हैं और सबकी कई वेरायटी हैं।