राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों को सुंदर और विश्वस्तरीय बनाने के लिए एक अप्रैल से काम शुरू होने का रहा हैं। इस संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 28 जनवरी शनिवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पीडब्ल्यूडी (PWD) की टूटी सड़कों और गड्ढों के साथ-साथ टूटे फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज, स्लैब, साइनेज, बिजली के खंभे, रेलिंग और फुट ओवर ब्रिज (FOB) आदि की मरम्मत की जाएगी।
4.5 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे
अपनी बात जारी रखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले साल मशीन आदि का हायर करने का किराया अधिक लगेगा। करीब 4.5 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके बाद साल दर साल खर्च करीब 2,000 करोड़ रुपए होगा। रखरखाव के लिए एजेंसी को 10 साल का ठेका दिया जाएगा। अगर कोई चीज टूटती है तो कंपनी को 24 घंटे के अंदर उसे रिपेयर करना होगा। हर सड़क दस साल में दो बार री-सरफेसिंग होगी।
एमसीडी के 250 एंटी स्मॉग गन कम स्प्रिंकलर लगाए जाएंगे
वहीं सप्ताह में तीन बार सड़कों, फुटपाथों, पेड़-पौधों की धुलाई के साथ-साथ दैनिक यांत्रिक सफाई और कचरे की गहरी सफाई की जाएगी। डीप स्क्रबिंग मशीन, 150 टैंकर और स्प्रिंकलर के साथ 100 मैकेनाइज्ड रोड स्वीपर लिए जाएंगे। इसी तरह एमसीडी (MCD) के 250 वार्डों में छोटी सड़कों और आसपास के पेड़ों की धुलाई के लिए 250 एंटी स्मॉग गन कम स्प्रिंकलर लिए जाएंगे। दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी का इस्तेमाल सड़कों की सफाई के लिए किया जाएगा।
थर्ड पार्टी कैमरा वाहनों से नज़र रखी जायेगी
वहीं थर्ड पार्टी कैमरे लगे वाहनों से नज़र रखी जाएगी। अगर कोई कमी पाई जाती है तो ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाएगा। दस दिन में सभी प्रस्ताव दिल्ली सरकार की कैबिनेट से पास हो जाएंगे और एक अप्रैल से सभी काम शुरू हो जाएंगे।
हर वार्ड में होगी एक मशीन
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि दिल्ली के हर वार्ड में एक मशीन दी जाएगी। इन 250 एंटी स्मॉग गन कम स्प्रिंकलर का उपयोग छोटी सड़कों और सड़कों के दोनों ओर पेड़ों को धोने के लिए किया जाएगा। इसके लिए एजेंसी को फुटपाथ व सड़कों की धुलाई और मैकेनिकल झाडू लगाने का 10 साल का ठेका दिया जाएगा।