हर सरकार के द्वारा सड़कों पर वाहन चलाने के नियम बनाए होते हैं। मसलन गाड़ी की स्पीड क्या है, हेलमेट का अनिवार्य इस्तेमाल, ट्रैफिक लाइट के नियमों का पालन करना आदि। यह नियम सभी पर लागू होता है, चाहे वह बाइक हो, ट्रक-बस हो या आपकी कार, परंतु आपको यह जानकर हैरानी होगी कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों पर नियमों को नजरंदाज किया जाता है। ट्रेफिक नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान ने सड़क सुरक्षा जोखिम पर अपने अध्ययन में पाया कि सभी व्यावसायिक वाहन सड़क पर गति सीमा से अधिक चलते हैं। इनमें मिनी वैन से लेकर हल्के ट्रक और बसें शामिल हैं। इसके अलावा लोग हेलमेट और सीट बेल्ट को लेकर भी नियम तोड़ते नजर आए हैं।
रिसर्च में आई चौंकाने वाली बात
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) ने जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल इंजरी प्रिवेंशन यूनिट और दिल्ली सरकार के साथ मिलकर एक साल में यह स्टडी पूरी की है। इस अध्ययन का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ाना और लोगों में जागरूकता पैदा करना है। दुपहिया वाहनों की बात करें तो यहां थोड़ी राहत रही। वहीं, मेट्रो शहरों के मुकाबले लोगों में यहां हेलमेट के इस्तेमाल को लेकर ज्यादा जागरुकता देखी गई। हालांकि महिलाओं को इसके प्रति और जागरूक होने की जरूरत है। स्टडी में सामने आया कि 53 फीसदी महिलाओं ने हेलमेट का सही इस्तेमाल किया, वहीं पुरुषों की बात करें तो यह संख्या 71 फीसदी रही
इस अध्ययन का उद्देश्य क्या है
बता दे, वैज्ञानिक एस वेलामुरुगन ने कहा कि सीआरआरआई और जेएचआईआईआरयू (JHIIRU) द्वारा लोगों द्वारा हेलमेट, सीट बेल्ट और तेज रफ्तार वाहनों के इस्तेमाल पर नजर रखने के लिए अध्ययन किया गया था। इसके लिए 15 सड़कों को कवर किया गया था। पहले खंड में हमने वाहन की गति का अध्ययन किया। हमने पाया कि ज्यादातर वाहन दिल्ली-नोएडा फ्लाईवे पर ओवर स्पीड में पाए गए। जबकि शहरों में स्पीड लिमिट 40 से 70 किमी प्रति घंटा ही तय की गई है।