Delhi News: राजधानी में ऑटो का किराया बढ़ने पर परेशान हुए लोग, ऑटो चालक और यात्री दोनों है परेशान जानिए क्यों?

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नए साल की शुरुआत में ही ऑटो और टैक्सी का किराया बढ़ा दिया गया था, लेकिन दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी ऑटो में लगे इलेक्ट्रॉनिक मीटर का पुनर्मूल्यांकन नहीं हो सका है। ऐसे में लोग मनमाना किराया मांगने की शिकायत कर रहे हैं। उधर, ऑटो चालकों का आरोप है कि आए दिन उनकी यात्रियों से कहा-सुनी हो जाती है। यात्रियों ने ऑटो व टैक्सी चालकों पर संशोधित किराया से अधिक वसूलने का आरोप लगाया।

आपको बता दे, 9 जनवरी को दिल्ली सरकार ने ऑटो-टैक्सी के रेट बढ़ाने का ऐलान किया था। न्यूनतम ऑटो किराया 25 रुपये से बढ़ाकर अब 30 रुपये कर दिया गया है। वहीं, यात्रियों को अब 9.5 रुपये और 11 रुपये प्रति किलोमीटर की जगह 9.5 रुपये प्रति किलोमीटर का भुगतान करना होगा। जबकि नॉन एसी टैक्सियों के लिए यात्रियों को अब 40 रुपये के बाद न्यूनतम 17 रुपये प्रति किलोमीटर का किराया देना होगा। इस वजह से एसी टैक्सी का किराया भी बढ़ा दिया गया है। एसी टैक्सी का किराया 16 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया है।

 

दिक्कत कहां आ रही है?

आपको बता दे कि किराया वृद्धि की एडवायजरी जारी होने के बाद ऑटो चालकों को अपने मीटरों का पुनर्मूल्यांकन कराने के लिए नापतौल विभाग के कार्यालय जाना पड़ रहा है यह आधे घंटे की प्रक्रिया है, जिससे मीटर का सॉफ्टवेयर बदल दिया जाता है। साथ ही वाहन मालिक को एक सर्टिफिकेट भी जारी करता है। अधिकारी का कहना है कि यह प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं हो सकती जब तक कि परिवहन विभाग उन्हें न लिखे। अधिकारी का कहना है कि परिवहन विभाग हमें रजिस्ट्रेशन सीरीज नंबर के हिसाब से शेड्यूल देने जा रहा है। एक बार शेड्यूल पूरा हो जाने के बाद, हम री-कैलिब्रेशन प्रक्रिया के लिए ऑटो और टैक्सी बुलाना शुरू कर देंगे।

 

टैक्सी और ऑटो दिल्ली वालों के लिए लाइफलाइन हैं।

प्राप्त जानकारियों के मुताबिक, राजधानी में वर्तमान समय में करीबन 97,000 ऑटो और 12,000 पीली-काली टैक्सियां ​​हैं। सूत्रों ने कहा कि आवश्यक सॉफ्टवेयर परिवर्तनों को पूरा करने के लिए मेट्रोलॉजी विभाग को कम से कम 5 महीने का समय लगेगा। अधिकारियों ने बताया कि विभाग हर कार्य दिवस में करीब एक हजार मीटर का पुनर्मूल्यांकन कर सकता है। दूसरी ओर, यात्रियों ने शिकायत की है कि ऑटो चालक खुलेआम उनसे अधिक किराया मांगते हैं। बता दें कि किराए में 50-60 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। स्कूल टीचर वीनू सिंघल ने कहा कि न तो उनके मीटर संशोधित किराया दिखाते हैं और न ही उनके पास किराए की गणना करने के लिए कोई चार्ट है।